- पासवां की बैठक का उद्घाटन करने पर कृषि मंत्री बादल को अभिभावक संघ ने आड़े हाथों लिया
- आर्थिक रूप से कमजोर स्कूलों को मदद हो सके और अधिक मुनाफे वाले स्कूलों के ऊपर लगाम लगाने के पक्ष में अभिभावक संघ
Ranchi: मंत्री बादल पत्रलेख को राज्य के प्राइवेट स्कूलों की आर्थिक हालात की तो चिंता है, मगर इस राज्य के लाखों बेरोजगार अभिभावकों की चिंता नहीं है. कोरोना की वजह से जिनकी आर्थिक स्थिति खस्ताहाल हो चुकी है, जिनके बच्चों का नाम ऑनलाइन क्लास से वंचित किए जा रहे हैं. उनकी चिंता माननीय मंत्री को तनिक भी नहीं है. मंत्री बादल के द्वारा स्कूलों के लाइजनिंग करने वाली संस्था में दिए गए बयान पर उक्त प्रतिक्रिया झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय राय ने दी है.
अजय राय ने कहा कि एक ओर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से अभिभावकों के समर्थन में फीस माफ करने की मांग करती हैं. वहीं झारखंड के कृषि मंत्री स्कूलों के समर्थन में उतर आए हैं. झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि लगातार सरकार के समक्ष राज्य के अभिभावक गुहार लगा रहे हैं.
इसे भी पढ़ें-योगेंद्र साव प्रकरणः साक्ष्य से छेड़छाड़ मामले में तत्कालीन दो आईओ के खिलाफ केस दर्ज

राय ने कहा कि मंत्री को बच्चों के भविष्य की चिंता होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बच्चों के भविष्य को बचाने को लेकर राज्य सरकार के मंत्री और आला अधिकारी को अभिभावकों की बेबसी देखनी चाहिए. अजय राय ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का दोहरा चरित्र अब आम जनता के सामने आ रहा है. राज्य मैं बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिसका असर बच्चों के पठन-पाठन पर पड़ रहा है. मगर कांग्रेस के मंत्री और संगठन के पदाधिकारी उन अभिभावकों के जख्म पर मरहम लगाने की बजाय स्कूलों के समर्थन में उतर गए हैं. राय ने सरकार से सरकार तत्काल स्कूलों से फीस माफ कराने की मांग की है.