Hazaribagh : हजारीबाग कांग्रेस कार्यालय कृष्ण बल्लभ आश्रम में बुधवार को भारत के प्रथम पूर्व शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की 65 वीं पुण्यतिथि पर कांग्रेसियों ने श्रद्धासुमन अर्पित किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार यादव ने मौलाना साहब की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद शिक्षा के धनी थे. स्वाधीन भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना आजाद अरबी फारसी के विद्वान थे. स्वाधीनता संग्राम में वह प्रारंभ में ही कूद पड़े थे. प्रथम विश्वयुद्ध 1914-1918 और द्वितीय विश्वयुद्ध 1939-1945 दोंनो काल में कारावास भुगतने वाले वह एकमात्र नेता थे. सह अस्तित्व पर जबरदस्त विश्वास रखने वाले नेताओं में वे प्रमुख थे. उन्हीं के कारण देश के विभाजन के बाद लाखों मुस्लिमों की आस्था देश के प्रति गहरी हुई.
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श्रद्धांजलि देनेवालों में कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष आबिद अंसारी, अजीम खान, मीडिया प्रभारी निसार खान, ललितेश्वर प्रसाद चौधरी, राजू चौरसिया, गुड्डू सिंह, दिलीप कुमार रवि, सदरूल होदा, विजय कुमार सिंह, धीरज कुमार यादव, अनिल कुमार भुईंया, बाबर अंसारी, मो. रब्बानी, सैयद अशरफ अली, मो. मुस्ताक, राजेन्द्र सिंह, कृष्णदेव प्रसाद सिंह, रवींद्र प्रताप सिंह, अर्जुन सिंह, परवेज अहमद, मो. माशूक, मनोज मोदी, सुरेन्द्र कुमार सिंह, काशिफ रजा, दाउद अंसारी, शिव कुमारी सोनी के अतिरिक्त कई कांग्रेसी शामिल थे.
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