Sanjeet
Medininagar : जिले के पांकी प्रखंड मुख्यालय स्थित अमानत बराज निर्माण कार्य 19 वर्ष बाद भी पूरा नहीं हो सका है. सूबे के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने जल संसाधन मंत्री रामचंद्र केशरी व स्थानीय विधायक सह भू राजस्व मंत्री रहे स्व. मधु सिंह की उपस्थिति में 2001 में बड़े ही जोश-खरोश के साथ पांकी अमानत बराज की आधारशिला रखी गई थी. लोगों के बीच बराज निर्माण को लेकर काफी उम्मीदें जगी थी. क्षेत्र में जलस्तर बढ़ने के आसार से लोग उत्साहित थे.
बाद के वर्षों में स्थानीय लोगों को निराशा ही हाथ लगी. बराज निर्माण में महज पुल व फाटक का निर्माण कर कार्य बंद कर दिया गया. पांकी में अमानत बराज निर्माण कार्य करा रही दिल्ली की शेखर कंस्ट्रक्शन नामक कंपनी को कई बार नक्सलियों ने नुकसान भी पहुंचाया. बावजूद बराज निर्माण कार्य के तहत पुल व गार्डवाल निर्माण पूरा कराया गया. बराज के भीतरी हिस्से के दोनों ओर बांध निर्माण कार्य अब भी अधूरा है.
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बराज बनने से इन गांवों को होगा फायदा
अमानत बराज निर्माण कार्य स्थल के पास स्थित बांध क्षेत्र के डूब वाले इलाके के लुकुआ, बोरोदीरी , बनखेता, चंदरपुर, लोथरवा, नुरू, भइयां, कुरहा, कहुईया, खांड़, खांड़ समेत दर्जनों गांवों में अब पानी के लाले पड़े हुए हैं. मालूम हो कि बराज निर्माण में आ रही बाधा को दूर नहीं किया गया. बराज निर्माण में ग्रामीणों की जमीन ली गई. बावजूद ग्रामीणों को मुआवजा नहीं दिया गया. इस कारण ग्रामीणों ने भूमि के मुआवजे की मांग को लेकर कार्य बंद करा दिया था.
बावजूद इस कार्य को पूरा कराने की दिशा में कोई सार्थक पहल नहीं हुई है. अमानत बराज निर्माण के दौरान बना पुल ही बरसात के दिनों में इस पार से उस पार जाने वाले ग्रामीणों का कहना है कि अमानत बराज निर्माण कार्य पूरा हो जाता तो पांकी के दर्जनों गांवों को लाभ मिलता. इस योजना के पूर्ण होने से कई हजार एकड़ भूमि सिंचित होती. यह सब सपना ही बनकर रह गया है. बराज निर्माण के शुरू में औरंगा नदी के पानी को भी नहर के माध्यम से लाने की योजना बनी थी. इसके लिए बराज स्थल के लिए बांध के पास नहर का कैनाल भी बनाया गया.
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बराज देखकर खून के आंसू रो रहे किसान
इससे औरंगा नदी के जल को भी यहां स्टोर किया जा सकेगा. बावजूद यह कार्य पूरा नहीं हो सका. बांध निर्माण के अभाव में पूरा निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है. पानी के अभाव में किसान खून के आंसू रोने को मजबूर है. बराज निर्माण कार्य स्थल के पास स्थित बांध क्षेत्र के डूब वाले इलाके के लुकुआ, बोरोदीरी, चंदरपुर, नुरू, भइयां कुरहा, खांड़पर समेत आधा दर्जन गांवों में अब पानी के लाले पड़े हुए हैं. बराज निर्माण स्थल में पुल के दो-दो सौ मीटर की दूरी में पत्थर से पीचिंग कर सतह की सीमेंट व कंक्रिट से ढलाई कर दी गई. इससे बारिश का पानी सतह में स्टोर नहीं हो पाता. इस कारण पांकी प्रखंड के अलावे पलामू जिले के पाटन, मनातू, तरहसी के गांवों में नहर से पानी सप्लाई नहीं होती है.पलामू जिले के पांकी व लातेहार जिले के हेरहंज, बारियातू व चतरा के लावलौंग प्रखंड क्षेत्र के कई गांवों का जलस्तर नहीं बढ़ पाया. इससे खेत सिंचित नहीं हो पाते हैं.
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बराज निर्माण को लेकर विधानसभा में उठाएंगे आवाज- विधायक
इस संबंध में पांकी विधायक कुशवाहा डॉ शशिभूषण मेहता ने बताया कि वर्षों से लंबित पांकी विधानसभा के मुख्य जलस्रोत की योजना पांकी अमानत बराज का निर्माण अधिकारी और पूर्व जनप्रतिनिधियों के उदासीन रवैया के कारण अधूरा पड़ा है. उसे पूरा करने के लिए विधानसभा में मामले को उठाएंगे. पांकी विधानसभा के किसानों की सिंचाई की समस्या को वर्षों से अधूरा पड़ा अमानत बराज निर्माण को पूरा करा कर किसानों के उज्जवल भविष्य का इतिहास लिखने का काम करेंगे. ग्रामीणों को जमीन का मुआवजा दिलाने का भी प्रयास करेंगे. विधायक ने कहा कि हमारा जीवन गरीब जनता किसान के चौमुखी विकास के लिए समर्पित है.