Ranchi : झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी संघ और झारखंड राज्य एनआरएचएम एएनएम-जीएनएम संघ के संयुक्त तत्वाधान में हड़ताल सातवें दिन भी जारी है. राज्य के सभी पारा मेडिकल कर्मी इनमें एएनएम-जीएनएम, लैब टेक्नीशियन, एक्स-रे टेक्निशियन, फार्मासिस्ट, ओपथाल्मीक असिस्टेंट और फिजियोथैरेपिस्ट अपने नियमितीकरण की मांग को लेकर 16 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास घेराव के बाद से हड़ताल पर हैं. इसी क्रम में अनुबंध कर्मियों ने मानव सेवा के प्रति अपना कर्तव्य निभाते हुए सोमवार को धरना स्थल धनबाद और रांची में रक्तदान शिविर का आयोजन किया. शिविर में कुल 34 यूनिट रक्त संग्रह किया गया.
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24 जनवरी से अनुबंध कर्मियों का आमरण अनशन
गौरतलब है कि विभाग और सरकार की ओर से हड़ताल खत्म करने पर कोई वार्ता नहीं हुई है. संघ की प्रदेश महासचिव वीणा सिंह ने कहा कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, 24 जनवरी से अनुबंध कर्मी आमरण अनशन करेंगे. राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो रही है. जिसका खामियाजा मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला स्तरीय संस्थानों में देखा जा रहा है. टीकाकरण, प्रसव, लैब, फार्मेसी के काम पर प्रभाव पड़ रहा है. लेकिन सरकार सदर अस्पतालों में अन्य क्षेत्रों के कर्मियों को बुलाकर काम करा रही है.
सराकर स्वास्थ व्यवस्था को सुदृढ़ करने का कर रही दावा
संघ की प्रदेश अध्यक्ष मीरा कुमारी ने कहा कि सरकार अपनी स्वास्थ व्यवस्था को सुदृढ़ करने का दावा कर रही है. यह सरकार की विडंबना है कि अब तक सरकार सड़क पर आकर कर्मियों की सुध लेने के बजाय अपनी उपलब्धि गिनाने में लगी हुई है. धरना के सातवें दिन भी अधिक से अधिक संख्या में लोग धरना स्थल पर पहुंचे हैं. मीरा ने कहा कि हमारी एक ही मांग है, अनुबंधकर्मियों को 2014 नियमावली के आधार रखते हुए सीधा नियमितीकरण किया जाए.
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