Amarnath Pathak
Hazaribagh : इंदिरा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय से जेएमडी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड से बहाल 43 कर्मियों को हटाने का विवाद गहरा गया है. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग झारखंड के सचिव के संभावित 16 दिसंबर के को स्कूल आ रहे है. सचिव के आगमन से पहले सभी विवादों पर विराम लगाते हुए निदेशक ने स्कूल की प्राचार्या को पत्र लिखा है. इसमें स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के निदेशक ने प्राचार्या को आउटसोर्सिंग से बहाल जेएमडी के सभी 43 कर्मियों को कंपनी को वापस करते हुए नए कर्मियों को नियुक्त कर लेने का आदेश दिया है.
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मजिस्ट्रेट ने महिला कर्मियों के साथ भी असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया
गौरतलब है कि प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट पर कर्मियों ने असंसदीय भाषा का इस्तेमाल और मारपीट करने का आरोप लगाया है. जिसको लेकर एसपी को आवेदन दिया गया है. जिसमें कहा गया है कि मजिस्ट्रेट ने महिला कर्मियों के साथ भी असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया है और मारपीट भी की है. जेएमडी के कर्मियों ने मजिस्ट्रेट का नाम सुनील कुमार हेम्ब्रम बताया है. आवेदन में यह भी कहा गया है कि मजिस्ट्रेट ने उनसे जबरन सादे कागज पर हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया. साथ ही कहा कि वह सीओ के आदेश पर यहां कार्रवाई के लिए आये हैं.महिला कर्मियों ने असंसदीय भाषा के इस्तेमाल पर आपत्ति जताते हुए एसपी से कार्रवाई की मांग की है.
उस दिन नहीं हुई थी मजिस्ट्रेट की नियुक्ति : कर्मी
इंदिरा गांधी स्कूल में जेएमडी के आउटसोर्सिंग कंपनी से बहाल कर्मियों ने बताया कि 13 दिसंबर को उन्हें हटाने के लिए किसी मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति नहीं की गई थी. बाइक से आकर उनलोगों को धमकाने वाला झारखंड शिक्षा परियोजना का एक कर्मी है. सिर्फ कर्मियों को भयभीत करने के लिए झारखंड शिक्षा परियोजना का वह कर्मी स्पेलेंडर बाइक से आया था. यह व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है कि जो मजिस्ट्रेट है भी नहीं, वह कर्मियों को स्कूल कैंपस में जाकर हटाने के लिए डराता-धमकाता है. कर्मियों ने बताया कि उस दिन सीओ और डीइओ से पूछने पर उन्होंने कहा कि किसी मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति कर उनके स्तर से नहीं भेजा गया है.
चार माह की बहाली के बाद हटाये जा रहे कर्मी
जेएमडी से बहाल सभी 43 कर्मियों को चार माह के बाद हटाया जा रहा है. उन्हें दो माह का भुगतान भी किया गया. 19 नवंबर के पहले तत्कालीन प्रभारी प्राचार्य सह डीइओ ने अक्टूबर माह के उनके वेतन भुगतान की प्रक्रिया की पहल भी की थी. उससे पहले अगस्त और सितंबर माह का उन्हें वेतन भुगतान भी हुआ था. जेएमडी कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक और बहाल कर्मियों का कहना है कि आखिर फिर क्या वजह हुई कि अचानक उनकी नौकरी खत्म करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई. सभी बहाली प्रक्रिया और इकरारनामे के तहत की गई. इधर वर्तमान प्रभारी प्राचार्या कुमारी इंदू का कहना है कि झारखंड शिक्षा परियोजना में कर्मियों की बहाली से संबंधित इकरारनामे के कोई दस्तावेज नहीं हैं. ऐसे में यह गोरखधंधा क्या है, इसकी गहराई से जांच के बाद ही राजफाश संभव है.
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