Ranchi : कार्मिक विभाग के नियम विरूद्ध स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा खुद के लेटर पैड का इस्तेमाल करके आईएएस अफसर आलोक त्रिवेदी को विभागीय सचिव बनाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. निर्दलीय विधायक और पूर्व मंत्री सरयू राय ने इस पर सवाल खड़ा करते हुए सरकार को कटघरे पर खड़ा किया है. उन्होंने इसे लेकर सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट किया है. इसमें इन्होंने इस आदेश का विरोध किया है. विरोध करते हुए कहा है कि हेमंत आपके स्वनामधन्य कांग्रेसी मंत्री बन्ना गुप्ता ने निम्नांकित ज्ञापांक अधिसूचना जारी किया है जो गलत है. इसे तुरंत रद्द करिए, यह अधिकार केवल मुख्य मंत्री का है. कार्यपालिका नियमावली ने मात्र 30 दिन के लिए यह तदर्थ अधिकार मुख्य सचिव को दिया है.
.@HemantSorenJMM आपके स्वनामधन्य कांग्रेसी मंत्री @BannaGupta76 ने निम्नांकित ज्ञापांक अधिसूचना जारी किया है जो ग़लत है. इसे तुरंत रद्द करिए. यह अधिकार केवल मुख्य मंत्री का है. कार्यपालिका नियमावली ने मात्र 30 दिन के लिए यह तदर्थ अधिकार मुख्य सचिव को दिया है. pic.twitter.com/7sCKAo94HQ
— Saryu Roy (@roysaryu) January 17, 2024
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यह है मामला
दरअसल सोशल मीडिया पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का एक लेटर पैड वायरल है. इस लेटर पैड पर लिखा है कि आईएएस आलोक त्रिवेदी जो फिलहाल अभियान निदेशक के पद पर कार्यरत हैं, उन्हें अगले आदेश तक स्वास्थ्य सचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया जाता है. बताते चलें कि इससे पहले स्वास्थ्य विभाग के सचिव अरुण कुमार थे, जो 31 दिसंबर को सेवानिवृत हुए हैं. इसके बाद से ही यह पद खाली था. लेकिन मंत्री बन्ना गुप्ता ने खुद ही आलोक त्रिवेदी को उस पद का प्रभार दे दिया है.
यह है नियम
कार्मिक नियमों के अनुसार, मंत्री बन्ना गुप्ता या कोई भी मंत्री किसी भी आईएएस अधिकारी का तबादला नहीं कर सकते हैं. सीएस (मुख्य सचिव) अगर चाहें तो 30 दिनों के लिए किसी भी आईएएस को किसी दूसरे विभाग का या पद का प्रभार दे सकते हैं. बाकी आईएएस अधिकारियों के तबादले से जुड़ा कोई भी आदेश मुख्यमंत्री ही दे सकते हैं. लेकिन बन्ना गुप्ता ने अपने लेटर पैड पर आदेश जारी करते हुए आलोक त्रिवेदी को अगले आदेश तक स्वास्थ्य सचिव का प्रभार सौंप दिया है. अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है.
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