Ranchi: रांची कॉलेज को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी (डीएसपीएमयू) का दर्जा मिलने के चार साल बाद पहली बार दीक्षांत समरोह होने जा रहा है. कुलपति डॉ एसएन मुंडा ने बताया कि दीक्षांत समारोह अप्रैल के अंतिम सप्ताह में होगा. इसकी तैयारी विवि प्रशासन द्वारा शुरू कर दिया गया है. बता दें कि पहले दीक्षांत समारोह में पीजी फर्स्ट बैच के पास आउट छात्रों को उपाधि प्रदान की जाएगी. पीजी ट्रेडिशनल व प्रोफेशनल कोर्सों के 33 टॉपरों गोल्ड मेडल प्रदान किया जाएगा. वहीं 903 छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान की जाएगी.
डीएसपीएमयू में यूजी फर्स्ट बैच अभी तक रिजल्ट नहीं आया है. इसलिए पहले दीक्षांत में सिर्फ पीजी पास को उपाधि प्रदान की जाएगी. समारोह का मुख्य अतिथि कौन होगें, यह अभी सहमति नहीं बनी है. गुरुवार को छुट्टी रहने के बाद भी कुलपति समेत अन्य अधिकारी व शिक्षक तैयारी में जुटे रहे.
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तीन बैच का अभी नहीं हुआ दीक्षांत
डीएसपीएम बनने से पहले रांची विवि द्वारा रांची कॉलेज के यूजी और पीजी पास आउट छात्रों को उपाधि प्रदान की जाती थी. यूजी का बैच 2015-18, 2016-19 और 2017-20 बैच है. वहीं पीजी का बैच 2015-17, 2016-18 और 2017-19 पास आउट हो चुके हैं. जिनके लिए ग्रेजुएट सेरोमनी नहीं हुआ है.
सर्टिफिकेट का 24 लाख रुपए जमा
डीएसपीएमयू प्रशासन ने रांची कॉलेज से पास आउट छात्रों को डिग्री के लिए रांची यूनिवर्सिटी में 24 लाख रुपए जमा भी कर दिया है. यह राशि दो बैच के लिए है. बताते चलें कि एक छात्र की उपाधि के लिए 600 रुपए जमा करना पड़ता है.
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नैक मूल्यांकन के लिए तैयारी शुरू
यूनिवर्सिटी का दर्जा मिलने के बाद राष्ट्रीय मूल्यांकन प्रत्यायन परिषद (नैक) से मूल्यांकन नहीं कराया गया है. वीसी प्रो मुंडा की पहल पर नैक से मूल्यांकन की तैयारी शुरू कर दी गई है. शीघ्र ही सेल्फ स्टडी रिपोर्ट (एसएसआर) रिपोर्ट तैयार की जाएगी. राष्ट्रीय उच्च शिक्षा अभियान (रुसा) से विकास कार्यों के लिए अनुदान राशि तब ही मिलता है, जब नैक से ग्रेडिंग हो जाती है.
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