Dhanbad: 2021 के शुरुआती दौर में भी मूर्तिकारों पर कोरोना का असर बरकरार है. 16 फरवरी 2021 को माँ सरस्वती की पूजा है. इसके लिए सभी मूर्तिकार मां सरस्वती की प्रतिमा बनाने में जुट गए हैं. लेकिन इस नए वर्ष में भी मूर्तिकारों को 2020 जैसा डर सता रहा है. 2020 में सभी मूर्तिकारों को बड़ा झटका लगा था. क्योंकि कोरोना वायरस के प्रकोप के दौरान ही मनसा पूजा, गणेश पूजा, विश्कर्मा पूजा, दुर्गा पूजा ये सभी त्योहार थे. जिसके कारण सरकार ने सार्वजनिक पूजा के लिए कोई गाइडलाइन जारी नही किया था. नतीजा यह हुआ कि मूर्तिकारों की बनाई हुई प्रतिमाएं धरी रह गईं. लिहाजा इस वर्ष मूर्तिकार फूक फूक कर कदम रख रहे हैं. जो मूर्तिकार 200 सरस्वती की प्रतिमा बनाते थे. वो इस वर्ष 100 प्रतिमा ही बना रहे हैं. जो 100 प्रतिमा बनाते थे वो इस बार 50 प्रतिमा ही बना रहे हैं. बावजूद इसके सभी मूर्तिकारों को डर सता रहा है.
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मूर्तिकार क्यों कम मूर्तियां बना रहे
क्योंकि जो प्रतिमा बनाई गई है, वो उनके मुताबिक बुकिंग नहीं हो रही है. और जो बुकिंग भी हो रही है, उसकी कीमत अच्छी नहीं मिल रही है. जिसे लेकर मूर्तिकार काफी परेशान हैं. क्योंकि इनके लिए ऐसे त्योहार ही आमदनी की मात्र एक उम्मीद होते हैं. इनके पास दूसरा कोई विकल्प रास्ता नहीं है. मूर्तिकार अर्जुन की मानें तो पूर्वजों से ही प्रतिमा बनाने का काम कर रहे हैं. ऐसा कभी नहीं हुआ कि मूर्तिकारों को आमदनी नहीं हुई हो. लेकिन 2020 में कोरोना वायरस के कारण सभी मूर्तिकारों की हालत बहुत ही खराब रही. साथ ही उन्होंने कहा कि 2021 के शुरुआती भी मूर्तिकारों के लिए कुछ खास नहीं हैं. क्योंकि कोरोना वायरस के कारण लोगों का रोजगार पूरी तरह बन्द था. जिसकी वजह से लोगों के पास पैसे नहीं हैं. और इसका असर त्योहारों के साथ साथ मूर्तिकारों पर भी पड़ रहा है.
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