Ranchi : रेल मंडल का सबसे बड़ा दोहरीकरण योजना कोरोना के कारण महंगी होती जा रही है. 1 हजार 605 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली रांची राउरकेला रेलखंड पर स्थित 159 किमी हटिया बंडामुंडा रेल दोहरीकरण की राशि भी बढ़ती जा रही है. कोरोना संक्रमण की लंबी होती अवधि इसकी लागत राशि बढ़कर 17 सौ 25 करोड़ रुपए हो चुकी है. निर्माण अवधि लंबी होने से लागत में और वृद्धि हो सकती है.
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इस योजना की राशि करीब 120 करोड़ रुपये बढ़ गयी है
2016 से शुरू हुए इस योजना की राशि करीब 120 करोड़ रुपये बढ़ गयी है. 2022 में पूरी होने वाली इस योजना के अब 2024 में भी पूरा होने में संदेह है. इस योजना के कई कार्य अभी भी जमीन पर हैं. भूमि अधिग्रहण और वन क्षेत्र से गुजरने के कारण संबंधित विभाग से क्लीयरेंस के मामले भी लंबित हैं. हटिया राउरकेला रेलखंड रेल मंडल के साथ-साथ रांची की रेल कनेक्टिविटी के लिए बड़ी योजना है.
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यात्री गाडियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में मालगाड़ियों का परिचालन भी होता है
सिंगल लाइन होने के कारण इसमें से यात्री गाडियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में मालगाड़ियों का परिचालन भी होता है. इससे यहां दुर्घटनाएं भी होती रहती है. 13 सितंबर 2016 को टाटी दुर्घटना और गत 19 मई को कनरवा स्टेशन के पास राउरकेला पैसेंजर दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी. डबल लाइन बन जाने से गाड़ियों की आवाजाही बढ़ेगी और साथ ही दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी.
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महानगरों से रांची की रेल कनेक्टिविटी में सुधार होगा
इससे दक्षिण भारत के महानगरों से रांची की रेल कनेक्टिविटी में सुधार होगा. मौजूदा समय में यहां सिंगल लाइन होने के कारण हटिया से राउरकेला के बीच ट्रेन परिचालन में परेशानी होती है. अक्सर राउरकेला से रांची के बीच आवाजाही करने के दौरान यात्री ट्रेनों की रफ्तार धीमी हो जाती है. इन ट्रेनों में हटिया तपस्विनी, भुवनेश्वर गरीब रथ, यशवंतपुर-हटिया, सिकंदराबाद व हैदराबाद, एलटीटी एक्सप्रेस आदि ट्रेनों पर प्रभाव पड़ता है.
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कोरोना लहर का प्रभाव लाइन के दोहरीकरण पर पड़ा है
रेलवे के अधिकारी और सीपीआरओ नीरज कुमार ने बताया कि कोरोना लहर का प्रभाव लाइन के दोहरीकरण पर पड़ा तो है. इससे कार्य में विलंब हुआ है. लेकिन यह रुका नहीं है. कार्य हो रहे है. कई छोटे सेक्शन बन गए हैं. कार्य में तेजी लायी जाएगी.
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