Bermo: कोरोना महामारी से लड़ने के लिए राज्य सरकार ने मेडिकल किट तैयार किया था. इसे कोरोना लक्षण वाले मरीजों को दिया जाना था. लेकिन तब नहीं दिया गया जब कोरोना चरम पर था. अब जबकि कोरोना का प्रभाव कम है तो इसे आंगनबाड़ी केन्द्रों को भेजा गया है.
मेडिकल किट में पांच सौ रुपये की दवा है
बता दें कि करीब एक माह पहले आंगनबाड़ी केन्द्रों को कोरोना लक्षण युक्त बीमारी के इलाज के लिए मेडिकल किट दिया गया है. इसमें करीब पांच सौ रुपये की दवा है. इसे कोरोना के लक्षण वाले मरीज को दिया जाना है. बोकारो जिले में करीब 2256 आंगनबाड़ी केन्द्र हैं. सभी केन्द्रों में 25-25 दवा का किट मुहैया कराया गया है. उनसे कहा गया है कि क्षेत्र में कोरोना लक्षण वाले मरीज को इसे देना है. इस मामले पर आंगनबाड़ी केन्द्रों का कहना है कि दवा का किट अभी कुछ दिन पहले दिया गया है. वर्ममान में कोरोना लक्षण वाले मरीज नहीं हैं. इसलिए दवा केन्द्रों में रखी है. उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें दवा से संबंधित कोई विशेष जानकारी नहीं है. इसलिए दवा का आगे क्या करना है उन्हें मालूम नहीं है.
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बताया जाता है कि बोकारो में करोडों रुपये की दवा का किट वितरित किया गया है. सभी केन्द्रों में 25-25 का दवा का किट दिया गया है. कुछ केन्द्रों में पांच-पांच किट भी दिए गए हैं. एक कीट में पांच सौ रुपये की दवा है. 25 किट के अनुसार के प्रत्येक केन्द्र को 12 हजार पांच सौ रुपये की दवा की किट मुहैया करायी गयी है. इस हिसाब से बोकारो जिले में करीब 2 करोड 82 लाख रुपये की दवा की किट दी गयी है. राज्य में करीब 33 हजार आंगनबाड़ी केन्द्र हैं. यदि प्रत्येक केन्द्र में दवा का किट मुहैया कराया गया हो तो राज्य में करीब 41 करोड 25 लाख रुपये की दवा दी गयी है. इस मामले पर बोकारो के सिविल सर्जन डॉ जितेन्द्र कुमार ने कहा कि यदि तीसरा वेव नहीं आता है तो दवा वापस ले लिया जाएगा और जेनरल में उसका उपयोग किया जाएगा. लेकिन दवा को बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा.
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