Chaibasa : ग्रामीण क्षेत्रों में सर्दी खांसी से कई लोग प्रभावित हैं. इनमें से बुखार के भी मरीज हैं. चूंकि हर गांव मे एक सहिया है और सहिया के माध्यम से उन लोगों को सर्दी और खांसी की दवा मिल जा रही है पर जिन्हें बुखार होता है वह स्वयं नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य उप केन्द्र में जांच कराकर दवा लेते हैं. सदर प्रखंड के नरसंडा गांव की आबादी पांच हजार से अधिक है और इसके विभिन्न टोलों को मिला लें तो यहां की कुल जनसंख्या लगभग 11 हजार है. इसे भी पढ़ें : कोरोना">https://lagatar.in/corona-no-one-got-investigation-done-in-bedadhipa-village-there-are-patients-of-cold-and-fever/">कोरोना
: बेड़ाढीपा गांव में किसी ने नहीं करवाई जांच, सर्दी-बुखार के हैं मरीज इस गांव में कोरोना के मरीज नहीं मिल रहे हैं. इनमें से ज्यादातर लोग सर्दी-खांसी से प्रभावित हैं. जो या तो दवा खा कर ठीक हो रहे है या फिर एक दो दिनो में अपने से भी ठीक हो जा रहा है. ऐसे नरसंडा मे सर्दी और खांसी से प्रभावित हर परिवार में कम से कम दो लोग हैं. शनिवार को नरसंडा के एक परिवार की एक बच्ची सर्दी-खांसी और बुखार से पीड़ित मिली जिसे चिकित्सकों ने उचित दवा देकर घर भेज दिया. [wpse_comments_template]

कोरोना : सदर प्रखंड के नरसंडा गांव में सर्दी-खांसी के अधिक हैं मरीज
