Tarun Kumar Choubey
Ranchi: शहर की सड़कों को जाम मुक्त करने के लिए रांची नगर निगम ने एक और पहल की है. निगम ने पता लगाया कि शहर की कौन-कौन सी सड़कें किस अवधि में ज्यादा जाम रहती हैं और इसकी वजह क्या है. पता चला कि जाम का मुख्य कारण सड़क किनारे या फुटपाथ पर लगनेवाली दुकानें हैं. निगम ने शहर को 14 जोन में बांट कर फुटपाथ दुकानदारों को चिह्नित करने के साथ ही साथ उन्हें बसाने के लिए 27 वेंडिंग जोन भी चिह्नित कर जिला प्रशासन को विस्तृत रिपोर्ट के साथ प्रस्ताव भेजा है, ताकि शहर को जाम मुक्त किया जा सके. सर्वे में पता चला कि जहां फुटपाथ या सड़क किनारे दुकानें लगती हैं, वहां ग्राहकों की गाड़ियां (दोपहिया-चारपहिया) भी खड़ी होती हैं, जिससे सड़क की चौड़ाई कम पड़ जाती है, नतीजतन सड़क या तो जाम हो जाती है या वाहन रेंगने लगते हैं. फिर दुपहिया वाहन चालकों के आगे निकलने की होड़ में जाम पर जाम लगता चला जाता है. फुटपाथ दुकानदारों का सर्वे करा कर यह पता लगाया है कि किस इलाके में कितने वेंडर फुटपाथ पर दुकानें लगती हैं. पहले चरण में शहरी क्षेत्र में सड़क किनारे दुकानें लगाने वाले 10,657 दुकानदारों को चिह्नित किया गया है. ऐसे फुटपाथ दुकानदारों को निगम ने चार श्रेणियों में बांटा है, जिसमें सड़क किनारे कपड़े बेचनेवाले वेडरों की संख्या 1754, फास्ट फूड व अन्य खाद्य सामग्रियां बेचनेवालों की संख्या 2437, फल-सब्जी बिक्रेताओं की संख्या 2623 और अन्य सामान बेचनेवालों की संख्या 3843 है. इसमें पाया गया कि सबसे ज्यादा भीड़ फास्ट फूड वेंडरों और सब्जी बिक्रेताओं के पास लगती है, जो जाम का सबसे बड़ा कारण है. निगम की ओर से अबतक 1274 वेंडरों को स्थायी जगह दी जा सकी है.
फुटपाथियों के लिए 37 वेंडिंग जोन चिह्नित
निगम ने शहर के पिस्का मोड़ रातू रोड से लेकर कांके रोड, गोंदा, चुटिया, नामकुम, हटिया, बिरसा चौक, धुर्वा, हिनू, कोकर (सदर), मोरहाबादी, लोअर बाजार, जगन्नाथपुर, बरियातू, लालपुर इलाके में फुटपाथियों को चिह्नित किया है.
सर्वे में कहां कितने फुटपाथी दुकानदार चिह्नित
रातू रोड : 280
चुटिया : 500
नामकुम: 420
कांके रोड: 500
लालपुर: 370
कोकर (सदर): 370
धुर्वा : 200
अरगोड़ा : 150
बरियातू : 300
लोअर बाजार (मेन रोड) : 100
जगन्नाथपुर : 150
कोतवाली : 40
कहां वेंडरों को बसाया जा सकता है
निगम ने सर्वे के दौरान शहर में सरकार व वैसी खाली पड़ी जमीनों को चिह्नित किया है, जहां इन फुटपाथ दुकानदारों को सड़क किनारे या फुटपाथ पर से शिफ्ट कर स्थायी तौर पर बसाया जा सकता है. इसमें मुख्य रूप से सरकारी बस डीपो के पीछे की खाली पड़ी परिवहन विभाग की जमीन, नामकुम में हाईटेंशन फैक्टरी के पास की खाली पड़ी जमीन, मेकॉन व होटल अशोक के बीच की लेन, लालपुर में काली टावर के सामने की खाली पड़ी जमीन, जिसपर मोटर गैराज वालों ने कब्जा जमा रखा है, धुर्वा बस स्टैंड के पास सूर्य मंदिर के पास नर्सरी बाजार, जेपी मार्केट जानेवाले रास्ते में ब्रह्मचारी आश्रम के पास खाली मैदान. इसके अलावा कई इलाकों की खाली पड़ी सरकारी जमीन पर वेंडर्स को शिप्ट करने का प्रस्ताव निगम की ओर से जिला प्रशासन को सौंपा गया है.
किसे वेंडर मानता है नगर निगम
जिन फुटपाथी दुकानदारों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना के तहत ऋण प्राप्त है या नगर निगम से रजिस्टर्ड हैं, वैसे फुटपाथ दुकानदारों को निगम प्रशासन वेंडर मानता है. सर्वे में जिन फुटपाथ दुकानदारों को पता चला है, उनमें से कइयों को पीएम सम्मान योजना से ऋण मिल चुका है, लेकिन उनके लिए कोई स्थायी व्यवस्था नहीं है. निगम वैसे वेंडरों को प्रधानमंत्री सम्मान योजना का लाभ दिलाने की पहल कर रहा है, जिन्होंने योजना के तहत निगम के पास आवेदन दिया है.
11, 348 आवेदन आए, 6746 का ऋण पास हुआ
पीएम सम्मान निधि योजना के तहत रांची जिले में 11, 348 आवेदन आए हैं, जिनमें से 6746 आवेदकों का ऋण पास हो चुका है. इनमें से 5204 फुटपाथ दुकानदारों को ऋण मिल चुका है. 4156 आवेदकों के ऋण आवेदन को बैंक द्वारा लौटा दिया गया है. 1906 आवेदकों को ऋण के योग्य माना ही नहीं गया है. यह योजना कोरोना काल के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लायी गयी थी, जिसकी अवधि बढ़ाकर 2024 कर दी गयी है. योजना के तहत रांची जिला के लिए 7.96 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे. 5.97 करोड़ वेंडर्स को दे दिए गए हैं.