Kolkata : अगर कोई कहता है कि सेक्युलरिज्म (धर्मनिरपेक्षता) खराब है या लोकतंत्र खतरनाक है, तो यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. देश में संघीय ढांचा गिरा दिया गया है. कई राज्यों को GST में उनकी हिस्सेदारी नहीं दी जा रही है.
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प बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने यह बात शनिवार को द टेलीग्राफ के नेशनल डिबेट 2024 में कही.ममता के अनुसार अगर कोई यह कहे कि धर्मनिरपेक्षता खराब है, लोकतंत्र खतरनाक है और संघीय ढांचा आपदा है, तो वे इसे कभी स्वीकार नहीं कर सकती. किसी के द्वारा यह कहा जाना कि संविधान को बदलने की जरूरत है, तो यह किसी खास विचारधारा या किसी नजरिए को खुश करने के लिए किया जा रहा है.
लोकतंत्र, संघवाद ,धर्मनिरपेक्षता की हमें रक्षा करनी चाहिए
ममता ने पूछा कि क्या भारत लोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया से अलग हटकर तानाशाही की ओर जा रहा है. ममता का इशारा मोदी सरकार की ओर था. ममता ने कहा- संविधान की आत्मा उसकी प्रस्तावना है. कहा कि देश के संविधान को सावधानी से तैयार करते हुए इसमें लोकतंत्र, संघवाद और धर्मनिरपेक्षता का ख्याल रखा गया था. हमें इसकी रक्षा करनी चाहिए.
अगर कोई एक एजेंसी संविधान को अपने हित के लिए चलायेगी तो यह हमें कभी मंजूर नहीं होगा. इस क्रम में ममता ने कहा मेरे पास बोलने का कोई अधिकार नहीं है, अगर मैंने मजबूती के साथ कुछ भी कहा, तो कल ED मेरे घर पहुंच जायेगी.
कोई हमें यह तक बतलायेगा कि हमें क्या खाना है
टीएमसी अध्यक्ष ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने राजीव गांधी से लेकर मनमोहन सिंह तक कई प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है , लेकिन ऐसा अच्छा पीएम आज तक नहीं देखा. अगर कोई हमें यह तक बतलायेगा कि हमें क्या खाना है, क्या पहनना या किस भाषा में बात करनी है, तो फिर देश में संविधान और लोकतंत्र की जरूरत बचती है क्या?