Vinit Abha Upadhyay

Ranchi : झारखंड की राजधानी रांची के धुर्वा में लगभग 600 करोड़ की लागत से बनकर तैयार झारखंड हाईकोर्ट के नए भवन का उद्घाटन 24 मई को होगा. हाईकोर्ट के उद्घाटन के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूर्ण के अलावा सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीश, झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मौजूद रहेंगे. झारखंड हाईकोर्ट का नया भवन बनकर लगभग तैयार है. नया कैंपस सुप्रीम कोर्ट से करीब तीन गुना बड़ा है. कैंपस में विभिन्न प्रजातियों के लगभग 2000 पौधे लगाए गए हैं. यह देश का अब तक का सबसे बड़ा हाईकोर्ट भवन और बड़ा कैंपस भी है. हाईकोर्ट में शुक्रवार से ग्रीष्मावकाश की घोषणा हो चुकी है. गर्मी की छुट्टियों के बाद नए हाईकोर्ट कैंपस में न्यायिक गतिविधियां शुरू होंगी…
जानिए… इस ग्रीन बिल्डिंग की विशेषताएं
- जस्टिस अल्तमस कबीर ने नौ फरवरी 2013 को किया था. बिल्डिंग का निर्माण 18 जून 2015 से शुरू किया गया. लगभग 600 करोड़ की लागत से हाईकोर्ट का नया भवन आठ वर्षों में बनकर तैयार हुआ है.
- नए भवन में मेंटेनेंस और सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया है. नए हाईकोर्ट की निगहबानी में 500 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इसके अलावा हाई मास्ट लाइट, और एक हाईटेक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है, जहां से पूरी बिल्डिंग की निगरानी और मेंटेनेंस मॉनिटरिंग का काम किया जाएगा. कोर्ट की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों के लिए अलग से बैरक भी बनाए गए हैं. वहीँ केफेटेरिया और डिस्पेंसरी का अलग अलग भवन बनाया गया है.
- कोर्ट ब्लॉक के पहले तल्ले पर हाईकोर्ट का कार्यालय रहेगा,चीफ जस्टिस के कोर्ट के साथ कोर्ट नंबर 3, 5, 7, 9, 11 और 13 का सञ्चालन भी इसी बिल्डिंग से होगा. न्यायाधीशों के लिए कॉन्फ्रेंस रूम, जजों के अधीनस्थ कर्मचारियों का कार्यालय, किचन,डाइनिंग रूम चीफ जस्टिस के पीए का कार्यालय, वेटिंग एरिया और वीडियो कॉन्फ्रेसिंग की व्यवस्था भी इसी भवन में है. बिल्डिंग के दूसरे तल्ले से कोर्ट नंबर 15,17, 19, 21, 23 और 25 का संचालन किया जाएगा और इसी तल पर लाइब्रेरी भी है.
- कोर्ट भवन की दूसरी ओर पहले तल्ले पर कोर्ट का कार्यालय, कोर्ट नंबर 2,4 ,6,8, 10 और 12 का सञ्चालन भी फर्स्ट फ्लोर पर होगा.वहीँ दूसरे तल्ले पर कोर्ट नंबर कोर्ट नंबर 14,16,18,20, 22 और 24 का सञ्चालन होगा. हाईकोर्ट के नए भवन में घुसते ही आपको झारखंड की पारम्परिक नृत्य कला की तस्वीर देखने को मिलेगी. इसके इसके साथ ही बिल्डिंग के अंदर महात्मा गांधी के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण लम्हो की तस्वीर सजाई गई है. वहीं भीम राव आंबेडकर की जीवनी को भी तस्वीरों के माध्यम से दिखाया गया है.
बिल्डिंग का फ्लोर लेवल 1.2 मीटर बढ़ाया गया
नए भवन में फ्लोर लेवल भी 1.2 मीटर बढ़ाया गया है. इस कारण बिल्डिंग का ड्राइंग भी बदला गया था. बिल्डिंग को वज्रपात से बचाने के लिए 32-32 मीटर की दूरी पर छह तड़ित चालक लगाए गए हैं. रेन वाटर हार्वेस्टिंग की बेहतर व्यवस्था की गयी है, ताकि बारिश का पानी कैंपस से बाहर नहीं जा सके.
2000 वाहनों की कैंपस में पार्किंग की है व्यवस्था
कैंपस में वकील व मुवक्किलों के 2000 वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था की गयी है. वहीं न्यायाधीशों के वाहनों के लिए मेंब्रेन रूफ केनोपी वाले पार्किंग की अलग व्यवस्था की गयी है.
एडवोकेटस के लिए दो ब्लॉक, 576 चैंबर, हॉल में 1000 एडवोकेट्स बैठेंगे
हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेटस सहित सभी एडवोकेटस के बैठने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गयी है. इसके लिए कोर्ट बिल्डिंग के आगे दायें-बायें दो ब्लॉक बनाये गये हैं. दोनों ब्लॉक में 288-288 चैंबर यानी कुल 576 एडवोकेटस चैंबर बनाए गए हैं. दोनों ब्लॉक के ग्राउंड फ्लोर में सीनियर एडवोकेटस के लिए नौ फीट गुना 12 फीट (अलग से अटैच कीचन व टॉयलेट भी) के 76 चैंबर बनाये गये हैं. अन्य एडवोकेटस के लिए 11 फीट गुना 12 फीट का चैंबर बनाया गया है. एडवोकेटस के बैठने के लिए दोनों ब्लॉक में एक-एक बड़ा हॉल बनाया गया है, जिसमें टेबल-कुर्सी सहित 2000 एडवोकेट्स के बैठने की पूरी व्यवस्था रहेगी. एक हॉल में 1000 एडवोकेट्स बैठेंगे. चैंबर कक्ष और हॉल का फिनिशिंग कार्य हो चुका है. टेबल-कुर्सियों को लगाने का काम चल रहा है. अग्नि से बचाव के लिए फायर फाइटिंग सिस्टम भी लगा दिया गया है.
सौर ऊर्जा पैनल लगा
बिल्डिंग के अंदरूनी हिस्से में बिजली वायरिंग, फायर फाइटिंग, पानी का कनेक्शन आदि के कार्य पूरे हो चुके हैं. सोलर पैनल भी लगाया गया है. इससे दो मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा. वहीं बिजली आपूर्ति के लिए एक अलग सबस्टेशन बनाया गया है.
डिस्पेंसरी, बैरक के साथ दो टाइपिस्ट भवन भी हैं
कैंपस के अंदर डिस्पेंसरी, बैरक व यूटिलिटी भवन के साथ दो टाइपिस्ट भवन भी बनाए गए हैं.
800 टाइपिस्टों के बैठने की व्यवस्था टाइपिस्ट भवन में की गयी है.
जजों के लिए लाइब्रेरी, 5 लाख कानून की किताबें
नए भवन में न्यायाधीशों के लिए अलग से लाइब्रेरी की व्यवस्था है.इसमें कानून से संबंधित लगभग पांच लाख किताबें रखने की आधुनिक व्यवस्था की गयी है. अलग-अलग स्थान पर सोफा व टेबल लगाए गए हैं.
कैंपस के मेन गेट पर सेरेमोनियल रैंप बना है
कैंपस के मुख्य द्वार के सामने सेरेमोनियल रैंप बनाया गया है. जहां से सीधे हाईकोर्ट के मुख्य भवन में प्रवेश किया जा सकता है. लेकिन यह रैंप विशेष अवसर पर ही खोला जाएगा. रैंप के बगल में दोनों ओर फाउंटेन बनाए हैं.
बिजली आपूर्ति के लिए सबस्टेशन बनाया गया है
बिल्डिंग के अंदरूनी हिस्से में बिजली वायरिंग, फायर फाइटिंग, पानी का कनेक्शन आदि के कार्य पूरे हो चुके हैं. सोलर पैनल भी लगाया गया है. इससे दो मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा. वहीं बिजली आपूर्ति के लिए एक अलग सबस्टेशन बनाया गया है.
एडवोकेट जनरल ऑफिस भी बन कर तैयार है
नयी बिल्डिंग में एडवोकेट जनरल (एजी) कार्यालय में फिनिशिंग का काम पूरा हो गया है. इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है. यह ऑफिस एडवोकेट्स ब्लॉक के साथ में बनाया गया है. कोर्ट बिल्डिंग के साथ-साथ एजी ऑफिस को भी तैयार किया गया है. इसमें एडवोकेट जनरल का ऑफिस, चेंबर, लाइब्रेरी और गवर्नमेंट एडवोकेट्स के बैठने की व्यवस्था रहेगी. फिलहाल बचा हुआ फिनिशिंग कार्य चल रहा है.नये भवन में न्यायाधीशों के लिए अलग से लाइब्रेरी की व्यवस्था की गयी है.इसमें कानून से संबंधित लगभग पांच लाख किताबों को रखने की आधुनिक व्यवस्था की गयीहै. यहां पर अलग-अलग स्थान पर सोफा व टेबल लगाये गये हैं.पूरे परिसर में 20 सेलेकर 60 वर्ष तक पुराने बोनसाई के पौधे लगाये गये हैं. ये फाइकर्स बोनसाई के पौधेहैदराबाद के राजमुंदरी से मंगाये गये हैं. ये बोनसाई के पौधे सेरोमोनियल रैंप केअलग-अलग-बगल व सामने लगाये गये हैं. वहीं एक पौधा मुख्य न्यायाधीश के प्रवेश द्वारके पास लगाये गये हैं.विभिन्न प्रजातियों के पौधेकैंपस में तीन लाख वर्ग फीट मेंविभिन्न प्रजातियों के लगभग 2000 पौधे लगाये गये हैं. इसमें नीम, आम, पीपल, बरगद,पॉम ट्री के साथ 400 प्रकार के पौधे लगाये गये हैं. वहीं ओपेन स्पेस में गमला मेंरखे गये पौधे वातावरण को हरा-भरा बना रहे हैं. यह पौधे कोलकाता से मंगाये गये हैं.
165 एकड़ में फैला है कैंपस, 72 एकड़ भूखंड पर बिल्डिंग
झारखंड सरकार ने हाईकोर्ट के नए भवन के लिए वर्ष 2012 में 165 एकड़ जमीन मुहैया करायी थी. इसमें 72 एकड़ जमीन पर हाईकोर्ट की बिल्डिंग और वकीलों के लिए आधारभूत संरचना तैयार की गयी है. भविष्य में इसी कैंपस में हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के लिए आवास का निर्माण होना है, जिसमें ऑडिटोरियम, खेल का मैदान के अलावा अन्य सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी. कैंपस में वकील और मुवक्किलों की 2000 गाड़ियां एकसाथ पार्क करने की व्यवस्था है.
32 लिफ्ट, दो स्केलेटर लगे हैं ग्रीन बिल्डिंग में
ग्रीन बिल्डिंग में 32 लिफ्ट लगाए गए हैं. लिफ्ट में एक बार 13 व्यक्ति जा सकेंगे. कोर्ट रूम जाने के अलावा एडवोकेटस ब्लॉक और एजी ऑफिस में भी लिफ्ट है. कोर्ट रूम में जाने के लिए दो स्केलेटर भी लगाये गए हैं. एक ग्राउंड फ्लोर पर और दूसरा प्रथम तल पर लगाया गया है.

इको फ्रेंडली ग्रीन बिल्डिंग : बाहरी दीवार आग, पानी और ध्वनि प्रदूषण से सुरक्षित
इको फ्रेंडली ग्रीन बिल्डिंग की कई विशेषताएं हैं. विशेष कार्य प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता पीके सिंह ने बताया कि पूरी बिल्डिंग की बाहरी दीवार आग, जल और ध्वनि प्रदूषण से सुरक्षित है. बाहरी दीवार के निर्माण में ओडिशा के कटक में निर्मित एएसी ब्लॉक का उपयोग किया गया है. दो ब्लॉक के बीच में रॉकूल दिया गया है. इस कारण बिल्डिंग के अंदर व बाहर के तापमान में हमेशा अंतर रहेगा. यह बिल्डिंग पूरी तरह से इको फ्रेंडली है.

कहां क्या लगाया गया है
- 20 से 60 वर्ष तक पुराने बोनसाई के पौधे लगाए गए हैं.
- ये फाइकर्स बोनसाई के पौधे हैदराबाद के राजमुंदरी से मंगाए गए हैं.
- बोनसाई के पौधे सेरेमोनियल रैंप के अगल-बगल व सामने लगाए गए हैं.
- एक पौधा मुख्य न्यायाधीश के प्रवेश द्वार के पास लगाया गया है.
- 03 लाख वर्गफीट में विभिन्न प्रजातियों के लगभग 2000 पौधे लगाये गये हैं. इसमें नीम, आम, पीपल, बरगद,पॉम ट्री के साथ 400 प्रकार के पौधे लगाये गये हैं.
- ओपेन स्पेस में गमले में कोलकाता से मंगाए गए पौधे लगाए गए हैं
स्टेट ऑफ द आर्ट बिल्डिंग
- 25 वातानुकूलित कोर्ट रूम बनाए गए हैं
- 1 कोर्ट रूम चीफ जस्टिस के लिए बना है
- 24 कोर्ट रूम हाईकोर्ट के अन्य जजों के लिए
- 5 लाख कानून की किताबें रहेंगी, जजों के लिए अलग लाइब्रेरी
- 576 एडवोकेट चैंबर
- 76 चैंबर सीनियर एडवोकेट्स के लिए
- 2000 वकीलों के बैठने के लिए बड़ा हॉल
- 10 लाख वर्गफीट ग्रीन बिल्डिंग का क्षेत्रफल
- 09 फरवरी 2013 को नए भवन का शिलान्यास सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस अल्तमस कबीर ने किया था
- 18 जून 2015 से शुरू हुआ था बिल्डिंग का निर्माण कार्य
- 600 करोड़ की लागत से नया भवन 8 वर्षों में तैयार हुआ.

We hope working also having three times more fast………. Big construction is not important for us only promptly and right decision is important for us