Ranchi: दिपावली और काली पूजा को लेकर सरकार की तरफ से दिशा निर्देश जारी कर दिया गया है. कोविड-19 के मद्देनजर लॉकडाउन जारी है. फिलहाल लॉकडाउन 30 नवंबर तक प्रस्तावित है. आपदा प्रबंधन की तरफ से जारी निर्देश के मुताबिक सार्वजनिक जगहों पर पटाखा जलाने पर मनाही है. साथ ही काली पूजा छोटे पंडाल बनाकर किए जाने की बात है. जानें क्या है काली पूजा और दिपावली को लेकर झारखंड सरकार का दिशा-निर्देश.
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दिवाली के लिये गाइडलाइन जारी
– सार्वजनिक जगहों पर पटाखा जलाने पर सख्त मनाही है.
– प्राइवेट स्थानों पर पटाखा जलाने के लिए एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल) के दिशा निर्देशों का पालन करना होगा.
– पारंपरिक जगहों पर काली पूजा छोटे पंडालों में किया जाएगा.
– पंडाल को चारों तरफ से घेरना है, ताकी पूजा पंडाल में किसी भी श्रद्धालु की इंट्री ना हो.
– मेला के आयोजन पर सख्त मनाही है.
– पंडाल में सिर्फ 15 लोग ही रह सकते हैं. ये सभी 15 लोग पूजा प्रबंधन से जुड़े लोग होने चाहिए.
– श्रद्धालु छह फीट की सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए, पंडाल के बाहर से दर्शन कर सकते हैं.
– पूजा आयोजकों को पंडाल के बाहर छह-छह फीट की दूरी पर चिन्ह लगाना है. जिसका पालन करते हुए श्रद्धालु दर्शन करेंगे.
– पूजा पंडाल के आस-पास किसी तरह लाइट से सजावट पर मनाही है.
– पंडाल के आस-पास किसी तरह का कोई तोरण या स्वागत द्वार नहीं बनाया जाना है.
– भगवान की स्थापना वाली जगह को छोड़ कर पूरा पंडाल खुला और हवादार होना चाहिए.
– सात बजे सुबह से लेकर नौ बजे रात तक भजन या आरती लॉउडसपीकर के जरिए बजायी जा सकती है. आवाज से क्षमता 55 डेसीबिल से अदिक की नहीं होनी चाहिए. साथ पंडाल से 100 मीटर की दूरी तक ही ये लाउडस्पीकर लगाया जाना सुनिश्चित करना है.
– पूजा पंडाल के आस-पास किसी तरह का कोई खाने-पीने का स्टॉल नहीं लगाया जाना है.
– मूर्ति विसर्जन बिना भीड़-भाड़ के की जानी है. विसर्जन के दौरान किसी तरह का कोई आयोजन नहीं किया जाना है. विसर्जन वहीं किया जाएगा जहां की अनुमति प्रशासन से प्राप्त है.
– पूजा के दौरान किसी तरह का कोई संगीत या मनोरंजन से जुड़ा कार्यक्रम नहीं हो सकता है.
– पूजा पंडाल के पास किसी तरह का प्रसाद या भोग वितरण पर रोक है.
– पूजा आयोजक किसी तरह का कोई आमंत्रण पत्र किसी को नहीं देंगे.
– पूजा पंडाल के उद्घाटन से जुड़ा कोई किसी तरह के कार्यक्रम पर मनाही है.
– मास्क लगाना अनिवार्य है.
– जारी किए गए गाइडलाइन में किसी तरह की कोताही देखने पर प्रशासन की तरफ से आपदा प्रबंधन के कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी.
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