Ranchi: राजधानी रांची में इन दिनों सड़कों पर जल जमाव काफी आम हो गया है. बरसात आते ही नालियों का ओवरफ्लो करते पानी में भ्रष्टाचार साफ दिखाने लगा है. एक घंटे की बारिश के बाद सड़कें तालाब में तब्दील हो जाती हैं. रांची नगर निगम के द्वारा कई अभियान भी चलाए गए. जिससे रांची को स्वच्छ बनाने की कवायद भी की गई, मगर सभी नाकाम रहे. करोड़ों का बजट बारिश के पानी में बह गया.
नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने कहा कि रांची नगर निगम के द्वारा रांची शहर की सिवरेज और ड्रेनेज सिस्टम के लिए तकरीबन 357 करोड़ खर्च किए जाने थे. जिसके लिए इस काम को लखनऊ की कंपनी ज्योति बिल्ड टेक डॉट प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित की गई थी. कंपनी ने ये दावा भी किया था की पूरे शहर में सिवरेज सिस्टम का कार्य 2 साल में पूरा कर लिया जाएगा. कंपनी के द्वारा शेष राशि में से तकरीबन 85 करोड़ रुपए खर्च किए गए, जिसका कोई परिणाम नहीं मिला. कंपनी की सुस्त कार्यशाली की वजह से 2 बार एक्सटेंशन देने के बाद उसे टर्मिनेट कर दिया गया.
वर्तमान में गुजरात की कंपनी lccinfra.pvt.ltd को कार्य सौंपा गया है. जिसके लिए पूर्व के बजट राशि में से 210 करोड़ की राशि आवंटित की गई है.
जल जमाव का कारण अवैध निर्माण
वहीं डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने जल जमाव की समस्या को लेकर सवाल पूछने पर जवाब दिया कि जल जमाव की समस्या का समाधान होना थोड़ा मुश्किल है .जल जमाव की समस्या के लिए स्वयं रांचीवासी जिम्मेवार हैं. कारण पूछने पर उन्होंने बताया की रांची शहर एक अनप्लांड शहर है. जिसके कारण शहर में ज्यादातर इलाकों में अवैध निर्माण किए गए हैं. जिसकी वजह से जल की निकासी नहीं हो पाती है.
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इन इलाकों में सबसे ज्यादा जल जमाव
बारिश ने रांची नगर निगम की सारी तैयारी और साफ-सफाई की पोल खोल कर रख दी है. निगम के बार-बार बरसात की तैयारी के दावे के बावजूद हल्की बारिश में ही नालियों में जमा गंदगी सड़क पर फैल जाती है. इससे मेन रोड, कचहरी रोड, सर्कुलर रोड, रातू रोड, हरमू रोड, बरियातू रोड पर नाली का पानी भर जाता है. लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो गया. कई घरों में भी पानी घुस जाता है. अब इसका समाधान कब होगा ये भगवान भरोसे है.