Deoghar : देवघर जिले का पथरोल काली मंदिर अपने आप में कई दिलचस्प कहानियां समेटे हुए है. जिले के मधुपुर अनुमंडल के पथरोल स्थित काली मंदिर की स्थापना के पीछे एक अलौकिक कहानी है. ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में देवी काली की मूर्ति की स्थापना तत्कालीन घाटवाल राज्य के राजा दिग्विजय सिंह ने की थी. यहां पहले, आपरूपी मां काली मंदिर की जगह सिर्फ बेदी की ही पूजा की जाती थी. जिसके बाद मां काली ने सपने में आकर राजा दिग्विजय सिंह को कोलकाता कालीघाट से प्रतिमा लाकर स्थापित करने का आदेश दिया था. जिसके बाद उन्हें डोली से कंधे पर लादकर पूरे विधि-विधान के साथ लाया गया और वीरभूम जिले के पुरोहित से स्थापना कराया गया जो आज तक यहां विराजमान हैं. दिवाली के मौके पर यहां विशेष पूजा होती है. आज भी उस परिवार के वंशज मां काली की पूजा करते हैं. इतना ही नहीं, यहां हर दिन मां काली को बकरे की बलि देने की परंपरा भी चली आ रही है. यदि कोई अन्य यहां आकर बलि देने में असमर्थ हो तो राजपरिवार की ओर से बलि दी जाती है. साथ ही रायफल से सलामी देने की भी परंपरा है. कहा जाता है कि यहां पांच दीपक जलाने से मन की मुरादें पूरी होती है. दिवाली के मौके पर बिहार, झारखंड, बंगाल, उड़ीसा से मां के भक्त यहां पहुंचते हैं. दिवाली से पहले ही यहां मेले जैसा माहौल दिखने लगता है. दिवाली से पहले ही मां के भक्त यहां पहुंचना शुरू कर देते हैं. यहां लाखों की भीड़ जुटती है.
बाइक से भारत भ्रमण पर निकले महाराष्ट्र के योगेंद्र पहुंचे बाबा नगरी, लोगों को खेतों में यूरिया का उपयोग न करने के प्रति कर रहे जागरूक
देवघर : महाराष्ट्र के पुणे के रहने वाले शिव भक्त योगेंद्र बाइक से ही भारत भ्रमण पर निकले हैं. वह बाइक से भारत के विभिन्न ज्योतिर्लिंगों के दर्शन को निकले हैं. वह सभी द्वादश ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करेंगे. केदारनाथ से उनकी यात्रा की शुरुआत हुई. काशी विश्वनाथ के दर्शन के बाद शनिवार को योगेंद्र बाबा नगरी देवघर पहुंचे. योगेंद्र अपनी बाइक में तिरंगा लगाकर देशभक्ति के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं. साथ ही वह देश के किसानों को भी जागरूक कर रहे हैं. योगेंद्र किसानों से मिट्टी में यूरिया का उपयोग न करने की अपील कर रहे हैं. योगेंद्र का कहना है कि रासायन के प्रयोग से मिट्टी दूषित हो रही है. साथ ही इससे उपजे अनाज खाने से लोग कई तरह की स्वास्थ्य समस्या से भी पीड़ित हो रहे हैं. योगेंद्र ने कहा कि बहुत जल्द सभी प्रसिद्ध द्वादश ज्योतिर्लिंग का दर्शन पूजन कर अपना भारत भ्रमण यात्रा का समापन करेंगे. योगेंद्र को उम्मीद है कि उनकी इस यात्रा और जागरुकता से देश के कुछ लोग तो जरूर खेतों में रासायन का उपयोग न करने के प्रति जागरूक होंगे.
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