पुर्जा कटा घंटों करते हैं प्रतीक्षा, शिकायतों पर नहीं होती कार्रवाई
Suraj Kumar
Chouparan : इन दिनों मौसमी बीमारी सर्दी, खांसी, बुखार आदि के इलाज के लिए चौपारण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों की भीड़ उमड़ रही है. वहीं समय पर डॉक्टर के नहीं रहने से मरीज परेशान हो रहे हैं. चौपारण का 40 बेड वाला सरकारी अस्पताल सिर्फ एक डॉक्टर के भरोसे चल रहा है. अधिकांश डॉक्टर अस्पताल में समय पर नहीं मिलते हैं. पुर्जा काटने वाले कर्मी भी मनमाने तरीके से काउंटर पर कभी बैठते हैं, कभी गायब हो जाते हैं.
ऐसे में मरीजों को निजी क्लीनिकों में जाने की मजबूरी होती है. निश्चित समय होने के बावजूद डॉक्टर तीन से चार घंटे बाद भी ओपीडी नहीं पहुंचते. ऐसा पहली बार नहीं है. वर्षों से यही हाल रहा है. शिकायतों के अंबार के बावजूद इन डॉक्टरों पर न तो किसी का नियंत्रण है और न ही अपनी ड्यूटी के प्रति ईमानदारी ही. आए दिन चर्चा होती है कि डॉक्टर सरकारी अस्पताल में कम और अपने निजी क्लिनिक में ज्यादा रुचि रखते हैं. लोगों की बात की पुष्टि इस बात से हो सकती है, जब ऊपर बात करने पर अधिकारी भी टालमटोल कर बात को घुमाने का प्रयास करते हैं.
ड्यूटी के दौरान अस्पताल में नहीं मिले डॉक्टर : विनोद सिंह
चौपारण के पूर्व मुखिया विनोद सिंह इस मामले की जानकारी के लिए सोमवार को अस्पताल पहुंचे थे. उन्होंने रोस्टर में डॉक्टर की ड्यूटी की जानकारी ली. उन्होंने बताया कि पता चला कि डॉ सतीश कुमार सिंह की ड्यूटी है. उन्होंने डॉ सतीश सिंह को फोन की, तो डॉक्टर ने नहीं उठाया. अस्पताल में पूछने पर पता चला कि डॉक्टर अपने चौपारण के निजी क्लीनिक में मरीज को देख रहे हैं.
हाइकोर्ट के निर्देशों की परवाह नहीं
जिला परिषद सदस्य राकेश रंजन कहते हैं कि हाईकोर्ट ने सभी शासकीय अस्पतालों में पदस्थ डॉक्टरों से शपथ पत्र मांगा था कि वह प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं या नहीं. लेकिन इस नियम से यहां के डॉक्टर बेपरवाह हैं. निजी क्लीनिकों में अधिक और सरकारी अस्पताल में अपनी ड्यूटी पर नहीं के बराबर ध्यान देते हैं. उन्हें हाईकोर्ट के नियमों की भी परवाह नहीं होती.
क्या कहते हैं प्रभारी
इस संबंध में चौपारण सीएचसी के चिकित्सा प्रभारी भुनेश्वर गोप से जानकारी ली, तो उन्होंने बताया कि उनकी तबीयत खराब है, आने के बाद कुछ बता पाएंगे.
इसे भी पढ़ें : पलामू : प्रिंसिपल पर बच्चों को बेरहमी से पीटने का आरोप, सतबरवा थाना पहुंचा मामला