LagatarDesk : महंगाई की मार झेल रही जनता के लिए बुरी खबर है. आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) के दामों में वृद्धि हो सकती है. दरअसल अंतरराष्ट्रीय बाजार (International Market) में कच्चे तेल (Crude Oil) के दामों में एक बार फिर उबाल आने लगा है. कच्चे तेल की कीमत 7 हफ्ते के उच्चतम स्तर पर जा पहुंचा है. डब्लूटीआई क्रूड (WTI Crude) की कीमत 113 डॉलर के पार जा चुकी है. वहीं ब्रेट क्रूड ऑयल (Brent Crude Oil) की कीमत 112 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया है. ऐसे में सरकारी तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल के दामों में इजाफा कर सकती हैं. (पढ़े, लोंगेवाला युद्ध के हीरो रहे कर्नल धर्मवीर का निधन, 1971 में पाकिस्तान के साथ हुआ था युद्ध )
रूस से कच्चे तेल के आयात पर बैन के कारण बढ़ रही कीमत
बता दें कि यूरोपीय यूनियन (European Union) द्वारा रूस से कच्चे तेल के आयात पर बैन का समर्थन करने के कारण कच्चे तेल के दाम में उबाल देखने को मिल रहा है. मालूम हो कि देश में पेट्रोल-डीजल की कीमत पहले ही आसमान छू रही है. ऐसे में अगर कच्चे तेल के दामों में तेजी आयी तो फिर से पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने का सिलसिला शुरू हो सकता है. जिसके महंगाई और भी बढ़ सकती है. बता दें कि सरकारी तेल कंपनियों ने 22 मार्च से 6 अप्रैल 2022 तक लगातार पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाये. इस तरह 15 दिनों में ही पेट्रोल-डीजल 10 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है.
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कच्चे तेल के दाम 130 डॉलर को कर चुके थे पार
बता दें कि रूस-यूक्रेन वार के कारण मार्च में कच्चे तेल के दाम 130 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया था. ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत 129.7 डॉलर प्रति बैरल हो गयी थी. इसी तरह वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्लूटीआई) भी 125.6 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच चुका था. जो जुलाई 2008 के बाद सबसे ऊंचा स्तर था. जुलाई 2008 में ब्रेंट क्रूड 147.50 डॉलर और डब्ल्यूटीआई 147.27 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया था.
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