Giridih : जिले के बेंगाबाद अग्र परियोजना केंद्र में बड़े पैमाने पर तसर की खेती हो रही है. यहां की तसर से निर्मित धागे की डिमांड विदेशों में भी है. अग्र परियोजना केंद्र से तसर के अंडे किसानों के बीच वितरण किया जाता है. अंडे से कीड़े निकलने के बाद उसे अर्जुन और आसान के पेड़ में पाला जाता है. कोकुन बनने के बाद उसे पुनः अग्र परियोजना कार्यालय लाया जाता है. बाजार मूल्य पर किसानों को रकम भुगतान किया जाता है.
अग्र परियोजना केंद्र के सहायक अशोक महाराज ने बताया कि इस केंद्र से 25 गांवों के करीब सात हजार किसान जुड़े हैं. सभी किसान एक वर्ष में 70 हजार रुपए कमाते हैं. किसान एक वर्ष में दो बार इसकी खेती करते हैं. बेंगाबाद प्रखंड कार्यालय के पीछे स्थित अग्र परियोजना केंद्र की चाहरदीवारी के अंदर दर्जनों आसान और अर्जुन के वृक्ष हैं. कोकुन को सुरक्षित रखने के लिए यहां कई मजदूरों को सालों भर काम दिया जाता है.
उन्होंने बताया कि बेंगाबाद प्रखंड के विशनपुर, लुप्पी, बासजोर, जुड़पानिया, घाघरा, करगालो, काशीडीह, जिलिमटांड़, हाडोडीह सहित कई गांवों के किसान तसर की खेती करते हैं. गिरिडीह जिले में बेंगाबाद के अलावा डुमरी प्रखंड में भी एक अग्र परियोजना केंद्र संचालित है.
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