Bermo: गोमिया के साड़म में पिछले दिनों गरीबी और तंगहाली के कारण एक दंपति ने अपने जुडवां बच्चों को दूसरों के हवाले कर दिया था. मंगलवार को बाल कल्याण समिति ने एक बच्ची का बोकारो से रेस्क्यू किया है जबकि दूसरी बच्ची को बुधवार को रेस्क्यू करने की बात कही है. बाल संरक्षण विभाग के पदाधिकारियों ने गोमिया प्रखंड के साड़म गांव का दौरा कर दंपति से भी पूछ-ताछ की है.
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एक नवजात को बोकारो से किया गया रेस्क्यू
दरअसल 2 अप्रैल को गरीबी और लाचारी के कारण साड़म ग्राम की एक दंपति ने अपने नवजात जुड़वां बच्चियों को दूसरे के हवाले कर दिया था. मंगलवार को बाल कल्याण समिति की बेरमो शाखा की टीम के सदस्य निहारिका गौतम एवं शादिक अंसारी पीड़ित के घर पहुंचकर मामले की जांच की. विभाग की टीम ने एक बच्ची को पटना ले जा रहे दंपति से बोकारो में रेस्क्यू कर लिया है. दूसरी बच्ची चंडीपुर के एक दंपति के पास है, उसे कल रेस्क्यू किया जायेगा.
इस संबंध में बेरमो शाखा के संबंधित पदाधिकारी शशिकांत सिंह ने बताया कि शिशुओं को गोद लेने एवं देने की प्रक्रिया कानूनन होनी चाहिए. इसके लिए पीड़ित परिवार को विभागीय स्तर से मदद भी मिलेगी. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने बच्चियों को गोद लिया है, उनकी जांच की जायेगी कि वे बच्चों को पालन पोषण करने में सक्षम हैं या नहीं. यदि वे सक्षम नही होंगे तो उनसे बच्चे वापस ले लिया जायेगा.
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अब माता पिता को भी वापस नही दिये जायेंगे बच्चे
मालूम हो कि बीते शनिवार को गोमिया के साड़म पश्चिमी पंचायत स्थित केवट टोला निवासी मयन केवट एवं उसकी पत्नी शांति देवी ने अपनी गरीबी के कारण अपने एक दिन की नवजात जुड़वा बच्चियों को दूसरे के हवाले कर दिया था. लेकिन वे कानूनन ऐसा नहीं कर सकते. दंपति को गोद लेने की प्रक्रिया के तहत यह कार्य चाहिए था. लेकिन अब ये बच्चे उन्हें भी वापस नहीं दिये जायेंगी.
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