Munger: बिहार के जहानाबाद जिले के रहने वाले दंपति ने माता- पिता की इच्छा के लिए 150 किलोमीटर पैदल यात्रा शुरू की. माता- पिता ने देवघर के बाबाधाम जाने की इच्छा जतायी तो इच्छा पूरी के लिए दंपति ने कांवड़ में बिठाकर यात्रा शुरू की. बेटा और बहू ने एक बहंगी तैयार करने के बाद श्रवण कुमार की तरह कंधे पर कांवड़ लेकर यात्रा शुरू की.सावन मेला में ये दंपति अपने माता-पिता को ठीक उसी तरह तीर्थ पर निकला है जैसे कभी श्रवण कुमार निकले थे. चंदन कुमार और उनकी पत्नी रानी देवी ने माता-पिता को देवघर लाने के लिए श्रवण कुमार बन गये. कावंड़ में बैठाकर माता-पिता को बाबाधाम की यात्रा पर निकले हैं.दंपति ने सुल्तानगंज से पानी लेकर देवघर के लिए प्रस्थान किया. बेटे- बहु का यह कांवड़ देख लोग उनकी खूब तारीफ कर रहे है. लोग इस विशेष कावंड़ का फोटो और वीडियो भी बना कर सोशल मीडिया में शेयर कर रहे है. पढ़ें –नामांकन में PM व धनखड़ के कपड़े दिखे एक जैसे, कांगेस नेता जयराम का तंज- कैंडिडेट कौन हैं?
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माता-पिता को काँवड़ में बिठाकर देवघर की यात्रा पर निकले भागलपुर के चंदन कुमार. pic.twitter.com/X2i3xkikGn
— Utkarsh Singh (@UtkarshSingh_) July 18, 2022
इस काम के लिए पत्नी ने हिम्मत दिया
बेटे चंदर कुमार ने मीडिया को बताया कि हम प्रत्येक महीने सत्यनारायण व्रत का पूजन करते हैं. उसी के दौरान मन में इच्छा जाहिर हुई माता और पिताजी को बाबाधाम की पैदल तीर्थ कराने की. लेकिन माता और पिताजी काफी वृद्ध हैं तो ऐसे में वो 105 किलोमीटर की लंबी यात्रा पैदल नहीं कर सकते है. जब यह इच्छा हमने अपनी पत्नी को बताया कि उसने काफी हिम्मत दी. जिसके बाद हम दोनों ने माता-पिता की अनुमति ली और निकल पड़े.चंदन बताया कि माता-पिता को हम बहंगी में बिठाकर अपने कंधे के बल इस यात्रा को सफल करेंगे. इसके लिए एक मजबूत कांवड़नुमा बहंगी तैयार किया है. रविवार को सुल्तानगंज से जल भरकर उस बहंगी में आगे पिताजी और पीछे माताजी को बिठाकर यात्रा शुरू की है.
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इस काम में भागीदार बनने पर काफी खुशी हुई
वहीं बहू रानी देवी ने बताया कि पति के मन में इच्छा जाहिर हुई तो मुझे भी इसमें भागीदार बनने का मन हुआ. हम लोग खुश हैं कि अपने सास-ससुर को बाबाधाम की यात्रा कराने निकले हैं और लोग भी हम लोगों को हिम्मत दे रहे हैं और प्रशंसा कर रहे हैं.माता-पिता को कांवड़ में लेकर जाने में बहुत अच्छा महसूस हो रहा है. चंदन की माता ने बताया कि हम तो आशीर्वाद ही दे सकते हैं. भगवान से प्रार्थना है कि मेरे पुत्र को सबल बनाये.
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