Jamshedpur : घाघीडीह मंडल कारा में 16 जुलाई को टेल्को घोड़ाबांधा निवासी विचाराधीन कैदी हरपाल सिंह थापर की मौत के राज पर 14 दिन बाद भी पर्दा पड़ा हुआ है. परिजनों को अब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी नहीं सौंपी गई है. इसे लेकर परिजन हताश हैं. न्याय के लिए दर-दर घूम रहे हैं. परिजन शुक्रवार को डीसी सूरज कुमार से मिलने पहुंचे. परिजनों का नेतृत्व झारखंड गुरुद्वारा के प्रधान सरदार शैलेंद्र सिंह कर रहे थे. यहां मांग पत्र सौंपकर जब परिजन निकल गए, तो डीसी ने फोन कर सिख समाज को कार्यालय बुलाया. परिजनों के सामने करीब 20 मिनट तक शैलेंद्र सिंह व अन्य को संतुष्ट किया कि अगर जेल में कुछ अनहोनी हुई है तो दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. उन्हें सजा मिलेगी. न्यायिक जांच से बढ़कर कुछ भी नहीं है.
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पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर कहा गया कि वे कोर्ट से प्रक्रिया के तहत रिपोर्ट की कॉपी ले सकते हैं. अगर नहीं मिलती है तो उसमें भी वे सहयोग करेंगे. इस दौरान शैलेंद्र सिंह ने 2004 में घाघीडीह जेल में रणवीर सिंह की मारपीट में हत्या का जिक्र भी किया, कि उस वक्त भी समाज आक्रोशित था. तब जेल के कई पदाधिकारियों पर कार्रवाई हुई थी. इस दौरान फीलिपिंस में मानगो के तरनजीत सिंह का मामला भी उठाया गया. डीसी ने कहा कि आपकी मांग संबंधित विभाग तक पहुंचा दी गई है. डीसी से मिलने वालों में साकची के प्रधान हरविंदर सिंह मंटू, गुरदीप सिंह पप्पू, वीर खालसा दल के रविंद्र सिंह रिंकू, हरपाल की बहन मंजीत कौर, भाई सतविंदर सिंह, पुष्पा रानी की बहन ऊषा रानी, कीताडीह के प्रधान जगजीत सिंह गांधी आदि शामिल थे.