Ranchi: धनबाद में कोयला के अवैध खनन के दौरान हादसों से हो रही मौत को लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि आखिर इस काले कारोबार में और कितने लोगों की बलि के बाद सरकार कुंभकर्णी निंद्रा से जागेगी. 01 फरवरी से लेकर सप्ताह भर में चार खनन हादसों में लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों की मौत के बाद भी सरकार की तरफ से इस मामले पर कोई बयान तक नहीं आना, सारी सच्चाई को बयां करने के लिए पर्याप्त है. साथ ही झारखंड सरकार कितनी असंवेदनशील है, इसका भी सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. साफ है कि सरकार के संरक्षण में ही पूरे राज्य में कोयला सहित अन्य खनिज संपदा की लूट की छूट मची है.
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अवैध खनन से होने वाली मौतों का क्या टारगेट किया गया है फिक्स
दीपक प्रकाश ने कहा कि धनबाद में तो कोयला का अवैध कारोबार उद्योग का रूप ले चुका है. डंके की चोट पर दिन के उजाले में खनन किया जा रहा है. प्रतिदिन अवैध कोयले से लदे सैकड़ों ट्रक जिले और प्रदेश से बाहर भेजे जा रहे हैं. कार्रवाई के नाम पर पुलिसिया छापेमारी, गठित टास्क फोर्स, कोई घटना होने पर खदान के मुहाने को बंद करने की तत्परता केवल आईवाश है. सब कुछ सरकार और पुलिस प्रशासन के संरक्षण में हो रहा है. उन्होंने इस मामले पर सरकार की चुप्पी को लेकर कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या सरकार ने अवैध खनन से होने वाली मौत का कोई टारगेट फिक्स किया है कि इतनी मौत के बाद ही अवैध कारोबार पर रोक लगेगी. अगर ऐसा है तो उस आंकड़े को पब्लिश करनी चाहिए.
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पुलिस अफसरों की मिलीभगत से चल रहा कोयले का अवैध कारोबार
उन्होंने कहा कि बड़ा सवाल यह है कि बिना सरकार और पुलिस अधिकारियों की सहभागिता से इतनी व्यापक पैमाने पर पूरे व्यवस्थित तरीके से कोई भी अवैध कारोबार संभव हो सकता है क्या. अवैध कारोबारियों का पुलिस से नेटवर्क इतना तगड़ा है कि छापेमारी के पहले ही माफियाओं को इसकी सूचना मिल जाती है. धनबाद में बालू, पत्थर, मिट्टी, गिट्टी यहां तक की गोबर लदे वाहनों से भी पुलिस द्वारा उगाही की एक रकम तय है. रैंक और स्टार के हिसाब से पुलिस अधिकारियों से लेकर सत्ता के गलियारे तक पैसों का बंदरबांट किया जा रहा है.
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