Ranchi : बीजेपी विधायक दल के नेता सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान विधानसभा की ओर से उपस्थित वरीय अधिवक्ता संजय हेगड़े ने अदालत में बाबूलाल की याचिका की मेंटिबिलिटी पर सवाल उठाते हुए याचिका को सुनवाई योग्य नहीं बताया, जिसपर बाबूलाल के अधिवक्ता ने विधानसभा में हो रही सुनवाई की मेंटिबिलिटी पर सवाल उठाया. इसके साथ ही प्रार्थी के अधिवक्ता ने यह भी दलील दी कि यह 10वीं अनुसूची का मामला नहीं बनता है. पढ़ें – BIG BREKING चाईबासा: सर्च ऑपरेशन में मिला जमीन में गड़ा नक्सलियों का बॉक्स
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इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी
विधानसभा के न्याधिकरण में 30 अगस्त को सुनवाई पूरी
बता दें कि बाबूलाल की ओर से दाखिल रिट याचिका में कहा गया है कि दलबदल मामले में झारखंड विधानसभा के स्पीकर के कोर्ट में नियमानुसार सुनवाई नहीं हुई है. न्यायाधिकरण ने उनकी गवाही और बहस सुने बिना ही केस को जजमेंट पर रख दिया है. बाबूलाल मरांडी से जुड़े दल बदल के मामले में विधानसभा के न्याधिकरण में 30 अगस्त को सुनवाई पूरी हो गई है. बाबूलाल मरांडी की ओर से पक्ष रखने वाले अधिवक्ताओं का कहना है कि स्पीकर पक्षपात पूर्ण रवैया अपना रहे हैं. न्यायाधिकरण में सुनवाई समाप्त होने के बाद स्पीकर कभी भी अपना फैसला सुना सकते हैं. झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में बाबूलाल मरांडी ने झाविमो के टिकट पर चुनाव जीता था. बाद में उन्होंने पार्टी का विलय भाजपा में कर दिया था. इस मामले में स्पीकर दल-बदल कानून के तहत सुनवाई कर रहे हैं.
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