New Delhi : दिल्ली आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार किये गये दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट ने चार मार्च तक सीबीआई की रिमांड देने का फैसला सुनाया है. इससे पहले सीबीआई ने गिरफ्तारी के बाद मनीष सिसोदिया काे सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया. जांच एजेंसी ने अदालत से मनीष सिसोदिया को पूछताछ के लिए पांच दिनों की रिमांड मांगी. सीबीआई के स्पेशल जज एमके नागपाल की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. शाम करीब पांच बजे अदालत ने सीबीआई की अपील स्वीकार करते हुए मनीष सिसोदिया को पूछताछ के लिए 4 मार्च तक सीबीआई की रिमांड पर भेजने का फैसला सुनाया.
सिसोदिया को कस्टडी में लेने की क्या जरूरत, कोर्ट ने पूछा
इससे पहले सीबीआई ने दलील दी थी कि मनीष सिसोदिया ने पूछताछ में कई सवालों के जवाब नहीं दिये, इसलिए उन्हें रिमांड पर लेने की जरूरत है. जज ने सीबीआई से मनीष सिसोदिया को कस्टडी में लेने की वजह के बारे में पूछा. सीबीआई ने कहा कि हमें उस फोन के बारे पूछताछ करनी है जो मनीष सिसोदिया साल 2020, जनवरी से इस्तेमाल कर रहे थे. सीबीआई ने कहा कि पूछताछ के लिए रिमांड जरूरी है.
रिमांड पर देना उचित नहीं होगा, सिसोदिया के वकील
दूसरी ओर मनीष सिसोदिया के वकील ने इसका विरोध किया. कहा कि सीबीआई मनीष सिसोदिया से कई बार पूछताछ कर चुकी है. उनके ठिकानों पर छापेमारी भी की जा चुकी है. अब तक उनके खिलाफ कुछ भी नहीं मिला है. मनीष सिसोदिया के वकील ने कहा कि उन्हें जमानत मिलनी चाहिए. शराब नीति में पारदर्शिता बरती गई. एलजी की जानकारी में सबकुछ हुआ. वकील ने कहा कि सिसोदिया ने चार फोन इस्तेमाल किए, जिनमें से तीन नष्ट हो गए? ऐसे में मुझे क्या करना होगा? उन फोन को इस उम्मीद में संभाले रखते कि एजेंसी आकर गिरफ्तार कर लेगी? इन ग्राउंड पर रिमांड देना उचित नहीं होगा.
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