NewDelhi : ज्ञानवापी मस्जिद परिसर से मिले शिवलिंग को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रतन लाल को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस के अनुसार एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (धर्म, जाति, जन्मस्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य फैलाने) और 295ए ( धर्म का अपमान कर किसी वर्ग की धार्मिक भावना को जानबूझकर आहत करना) के तहत गिरफ्तार किया गया है.
A false case was registered against him (Prof Ratan Lal). The FIR & complaint doesn’t mention one thing that can be termed as a cognizable offence. Despite that, arrests cannot be made u/s 153A & 295A IPC, police don’t have that power: Mehmood Pracha, advocate of Ratan Lal pic.twitter.com/NKKiUvT3D9
— ANI (@ANI) May 20, 2022
इसे भी पढ़ें : कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में राहुल ने कहा, भारत में हालात ठीक नहीं, भाजपा ध्रुवीकरण के कारण सत्ता में है
AISA के कार्यकर्ता डीयू प्रोफेसर की रिहाई की मांग कर रहे हैं
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उन्हें गिरफ्तार किया है. सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने रतन लाल के खिलाफ केस दर्ज करवाया है. जानकारी के अनुसार आज शनिवार को रतन लाल को कोर्ट में पेश किया जा सकता है. प्रोफेसर की गिरफ्तारी के बाद से दिल्ली विश्व विद्यालय में तनाव बढ़ गया है. AISA के कार्यकर्ता डीयू प्रोफेसर की रिहाई की मांग कर रहे हैं. उन्हें तुरंत छोड़ने की अपील की जा रही है.
रतन लाल ने धार्मिक भावनाओं को अपमानित किया
प्रोफेसर रतन लाल ने आज तक से बातचीत के क्रम में कहा, इतिहास का छात्र हूं और इतिहास का छात्र अपने हिसाब से चलता है. अगर आधा गिलास पानी है तो आप कह सकते आधा भरा हुआ है और आधा खाली है. जो शिवलिंग की बात कही जा रही है वह तोड़ा हुआ नहीं लग रहा है, काटा हुआ लग रहा है. पुलिस ने कहा कि डॉ रतन लाल डीयू के हिंदू कॉलेज में प्रोफेसर हैं. उनके खिलाफ कल रात एफबी पर जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण पोस्ट के बारे में शिकायत मिली थी. आरोप है कि उन्होंने धार्मिक भावनाओं को अपमानित किया है.
लेफ्ट संगठन के छात्र इसे बड़ा मुद्दा बना रहे हैं और इसे आवाज दबाने वाले हथकंडे के तौर पर देख रहे हैं. हालांकि गिरफ्तारी के बाद रतन लाल की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है. पूर्व में कहा गया था कि उनके परिवार को सुरक्षा दी जाये. उन्होंने एके-56 राइफल का लाइसेंस भी मांगा था.
यह SC के फैसले की अवमानना है
रतन लाल के वकील महमूद प्राचा ने कहा कि प्रोफेसर रतन लाल के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है. FIR में कोई ऐसी बात नहीं है जो संज्ञेय अपराध में आता हो. IPC की धारा 153A और 295A के तहत गिरफ्तारी नहीं की जा सकती. पुलिस के पास वह शक्ति ही नहीं है, गिरफ्तारी SC के फैसले की अवमानना है.