Ranchi: जयनगर एक्सप्रेस जाने के बाद गंगा सतलज को रांची लाने की कवायद जोर पकड़ रही है. फिरोजपुर कैंट से लेकर धनबाद तक आवाजाही करने वाली गंगा सतलज को रांची से चलाने की मांग वर्षों पुरानी है. रांची जयनगर एक्सप्रेस के राउरकेला तक विस्तार करने के बाद यह मामला फिर से गर्म हो रहा है. शहर के नागरिक संगठन भी इसके लिए तैयार हो रहे हैं.
अपने आंदोलन के दौरान विद्यापति स्मारक समिति ने भी इस मांग को दोहराया है. रांची के सांसद संजय सेठ ने भी इस मांग को गंभीरता से लिया है. उन्होंने बुधवार को रेल विकास के मामलों पर हुई बैठक में इसे उठाया है.
लखनऊ-हरिद्वार के लिए एक भी ट्रेन नहीं
रांची से लखनऊ, हरिद्वार के लिए एक भी ट्रेन नहीं है. गंगा सतलज एक्सप्रेस धनबाद से शुरू होकर 71 स्टेशनों से होकर फिरोजपुर कैंट जाती है. यह अयोध्या, फैजाबाद, लखनऊ, मुरादाबाद, हरिद्वार होकर फिरोजपुर तक जाती है. इस ट्रेन से रांची और आसपास के बहुत सारे यात्री धनबाद जाकर ट्रेन को पकड़ते हैं. इसमें उन्हें बड़ी परेशानी झेलनी पड़ती है.
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धनबाद में 17 घंटे खड़ी रहती है ट्रेन
गंगा सतलज एक्सप्रेस धनबाद में करीब 17 घंटे तक खड़ी रहती है. इसलिए इस ट्रेन के रांची तक विस्तार करने में कोई अड़चन नहीं है. रांची से धनबाद के बीच का सफर 10 घंटे में पूरा किया जा सकता है. इसके बाद भी रांची में ट्रेन के रखरखाव के लिए सात घंटे का समय उपलब्ध होगा. रखरखाव के लिए इतना समय पर्याप्त है. फिरोजपुर से यह ट्रेन सुबह 5.05 आती है. जबकि धनबाद स्टेशन से यह रात 9.30 बजे रवाना होती है. यह ट्रेन प्रतिदिन चलती है.
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झारखंड सरकार भी भेजती रही है प्रस्ताव
इसकी मांग झारखंड की पूर्व सरकारें भी करती रही हैं. पूर्व में कई सरकार ने रेलवे बोर्ड को इस मांग से संबंधित प्रस्ताव भेजा है. रेलवे मंडलीय उपभोक्ता सलाहकार समिति (डीआरयूसीसी) सदस्य और झारखंड पैसेंजर एसोसिएन के तत्कालीन सचिव स्वर्गीय अशोक नागपाल इस मांग को दोहराते हुए गुजर गए. लेकिन धनबाद रेल मंडल और हाजीपुर जोनल मुख्यालय की बाधा के कारण यह मांग पूरी नहीं हुई. इस मामले में विद्यापति स्मारक समिति के अद्यक्ष लेखानंद झा ने बताया कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर झारखंड सरकार को और गंभीर होना चाहिए.
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