Ranchi: झारखंड की नयी उत्पाद नीति पर अब भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं. झारखंड शराब व्यापारी संघ ने इसे लेकर कई सवाल खड़े किए हैं. संघ के महासचिव सुबोध कुमार जायसवाल ने कहा कि झारखंड की नयी उत्पाद नीति प्रयोगशाला बन कर रह गई है. आज भी यह स्थिति है कि यह प्रयोगशाला के रूप में ही चलाया जा रहा है. जबकि पिछले वर्ष से एसोसिएशन ने उत्पाद मंत्री जगन्नाथ महतो की उपस्थित में उत्पाद सचिव के सामने एसोसिएशन ने कई मामले उठाए थे. मांग किया गया था कि 23 सौ करोड़ की राजस्व झारखंड के शराब व्यापारी देंगे.
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मगर जो लाभ छत्तीसगढ़ के सिंडिकेट को देने के लिए वादा किया गया है, वह उन्हें भी मिले. कोरोना काल में व्यापारियों ने करीब 17 सौ करोड़ बिना कोई राहत के सरकार को राजस्व देने का काम किया था. मगर छत्तीसगढ़ वालों को जो रोजगार दिया गया, वहां शराब का भी नुकसान हो रहा है. मुख्यमंत्री और मंत्री से आग्रह किया गया था कि अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है. अब झारखंड में प्रयोगशाला बंद किया जाए. लॉटरी सिस्टम को पुन: लागू किया जाए. जायसवाल ने कहा कि एक बार फिर एसोसिएशन के पदाधिकारी मांग कर रहे हैं कि हमारी मांगों पर सरकार विचार करे. इसमें सभी का भला है.
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