Ranchi: संयुक्त आदिवासी सामाजिक संगठनों की बैठक जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं के विषय पर सरना भवन नगर टोली में हुई. जिसमें झारखंडी भाषाओं को तत्काल लागू करने की मांग की गई. भोजपुरी, मैथिली, मगही, अंगिका को नियोजन नीति से हटाने की मांग रखी गई. बैठक को संबोधित करते हुए निरंजना हेरैंज टोप्पो ने कहा कि सीएनटी एक्ट में आदिवासी हितों में खरीद बिक्री के लिए थाना बाध्यता समाप्त किया जाया. आदिवासियों के लिए जाति प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया शिथिल की जाये.
इसे भी पढ़ें-कुचाई : जीएस ब्रदर्स जोजोहातु की टीम विजेता और नवयांस फुटबॉल क्लब बना उप विजेता
आदिवासी महिला गैर आदिवासी पुरुष से विवाह करती है तो महिला को एसटी के लाभ से तत्काल वंचित किया जाये. झारखंड राज्य के आदिवासियों के लिए ठेका- पट्टा रोजगार के लिए 25 करोड़ ठेकेदारी एवं एक रूपये में लाइसेंस, सिंगल विंडो सिस्टम के तहत तत्काल निर्गत कर कॉरपस फंड की व्यवस्था कराई जाये. बैठक की अध्यक्षता कुलभूषण डुंगडुंग ने की. इसमें एम एल उरांव, निरंजना हेरैंज टोप्पो, किस्टो कुजूर, प्रवीण कच्छप, अरविंद उरांव, सुशील पाहन, बाबूलाल महली, कुमकुम किस्पोट्टा, गीता लकड़ा, चंदन हलधर पाहन, वासिल किड़ो, ब्रज किशोर बेदिया, उमेश पाहन, दमोदर सिंकु आदि उपस्थिति थे.
इसे भी पढ़ें-पलामू : नगर परिषद कार्यालय में भ्रष्टाचार का आरोप,मंत्री ने डीसी को दिया जांच का आदेश