Saurav Shukla
Ranchi: हाई कोर्ट की कड़ी फटकार, अपर निदेशक(प्रशासन) के निरीक्षण के बावजूद रिम्स की व्यवस्था नहीं सुधार रही है. तस्वीर अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग के आईसीयू की है. जहां चार घंटे से एक ही बेड में शव और मरीज है. मीडिया को जानकारी मिलते ही आनन-फानन में शव को बेड से हटाया गया. शव को ले जाने के लिए रिम्स प्रबंधन के तरफ से ट्रॉली तक नहीं दिया गया. मृतक आदित्य के चाचा ने कहा कि शव को गोद में लेकर एंबुलेंस तक गये हैं. शव गया के विष्णुपद मंदिर का रहने वाला 12 वर्षीय आदित्य का है. जो अस्पताल की कुव्यवस्था की भेंट चढ़ गया. मृतक के चाचा रिंटू पटेल ने कहा कि बच्चे को किडनी की समस्या थी. शनिवार की सुबह 4:00 बजे इलाज के लिए रिम्स लाया था. डॉक्टरों ने कहा कि यहां डायलिसिस होने में काफी वक्त लगेगा. जान बचाने के लिए प्राइवेट अस्पताल ले जाइए. ऐसे में रिंटू ने बच्चे को प्राइवेट हॉस्पिटल में डायलिसिस के लिए ले जाने का निर्णय लिया.
इसे भी पढ़ें – 320 टन वजनी रॉकेट पीएसएलवी-सी54 ने ओशनसैट-3 और आठ नैनो उपग्रहों को अंतरिक्ष में स्थापित किया
लिफ्ट में हो गयी मौत, प्रत्यक्षदर्शी ने कहा- ग्राउंड फ्लोर पर झटका खाकर अटक गया लिफ्ट
रिम्स के सभी लिफ्ट का मेंटेनेंस भगवान भरोसे है. डायलिसिस के लिए आदित्य को स्ट्रेचर के माध्यम से लिफ्ट में ले जाया गया. इसी बीच ग्राउंड फ्लोर पर आते ही लिफ्ट झटका खाकर अटक गया और आदित्य की मौत हो गयी. प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि नीचे आते ही लिफ्ट से जोरदार आवाज आयी और संभवतः इसी वजह से बच्चे की मौत हुई है.
डेंगू पीड़ित बच्चे का शव के साथ चल रहा है इलाज
वहीं जिसे बेड पर आदित्य का शव रखा हुआ था, उसी बेड पर गढ़वा के मझीआंव से आए साढ़े चार साल के बच्चे का भी इलाज चल रहा है. बच्चे की मां ने कहा कि डेंगू होने के बाद उसका प्लेटलेट्स 22 हजार पहुंच गया है. इलाज के लिए रिम्स लेकर आयी हूं. गरीबी ने यहां तक पहुंचा दिया है. विडंबना ऐसी है कि शव के साथ मेरे बच्चे का इलाज किया जा रहा है. किसी के मासूम की मौत का दर्द मुझे भी हो रहा है और शव के साथ अपने बच्चे का इलाज होता देख डर भी लग रहा है.
इसे भी पढ़ें – संविधान दिवस पर बोले पीएम मोदी, भारत की पहचान Mother of Democracy के रूप में है, इसे सशक्त करना है
Subscribe
Login
0 Comments