Deoband : अगर भारत सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने का प्रयास करती है या फिर हमें संवैधानिक अधिकारों से वंचित करने को लेकर कोई भी कदम उठाया जाता है तो इसे हमारा समाज(मुस्लिम) बिल्कुल सहन नहीं करेगा और संविधान के दायरे में रहकर जो भी कदम उठाये जा सकते हैं वो हम उठायेंगे. उत्तर प्रदेश के देवबंद में आज रविवार को दूसरे दिन जमीयत उलेमा-ए-हिंद की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया.
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बैठक में मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर चर्चा की गयी
बैठक में यूनिफॉर्म सिविल कोड के अलावा मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर चर्चा की गयी ओर प्रस्ताव पारित किये गये. कहा गया कि वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की शाही ईदगाह जैसे पुराने पुराने धार्मिक स्थलों के विवाद बार-बार उठाना देश की एकता और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए ठीक नहीं है.
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ये मुल्क हमारा है, हमारा मजहब अलग है
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद महमूद मदनी ने कहा कि ये मुल्क हमारा है. हमारा मजहब अलग है. हमारा खाना-पीना अलग है. हमारा लिबास अलग है, जो लोग कहते हैं तुम पकिस्तान चले जाओ, मैं उनसे कहना चाहता हूं कि हमें एक बार पाकिस्तान जाने का मौका मिला था. हमारें पूर्वजों ने यहीं रहने का फैसला किया. जो लोग हमें पाकिस्तान भेजना चाहते हैं, वे लोग खुद कहीं और चले जायें.