तीन लाख कांवरिये जुटे, दस किलोमीटर तक लगी जलार्पण की कतार
Deoghar : श्रावण मास की सातवीं सोमवारी व नाग पंचमी के पावन मौके पर देवघर का बाबा मंदिर कांवरियों की भीड़ से बम-बम हो गया. इस वर्ष के सावन में 21 अगस्त को मंदिर में सर्वाधिक श्रद्धालु पहुंचे. भीड़ के कारण जलार्पण की कतार मंदिर से दस किलोमीटर दूर कुमैठा तक पहुंच गई थी. आज अनुमानत: ढाई से तीन लाख कर श्रद्धालु जलार्पण करने देवघर पहुंचे हैं. इधर, बोलबम, हर-हर महादेव, नम: शिवाय आदि का जयघोष करते सुल्तानगंज से कांवरियों का देवघर आना अनवरत जारी है. मंदिर परिसर, देवघर का मेला क्षेत्र से लेकर कांवरिया पथ तक गेरुआ वस्त्रधारी शिवभक्तों से पट गया है.
देररात से ही डटे हैं डीसी-एसपी, प्रशासन चौकस
दूसरी ओर श्रद्धालुओं को सुलभ व सुरक्षित जलार्पण करवाने में प्रशासन मुस्तैद रहा. रविवार की देररात से ही डीसी विशाल सागर, एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग लावलस्कर सहित पूरा मेला क्षेत्र की मॉनिटरिंग करते देखे गए. प्रशासनिक अधिकारियों की टीम मंदिर परिसर से लेकर मेला क्षेत्र में लगे सीसीटीवी से हर गतिबिधियों पर पैनी नज़र बनाए हुए है. मेला कंट्रोल रुम, प्रशासनिक शिविरों से लेकर चिकित्सा शिविरों तक प्रशासन की टीम मुस्तैद दिखी. इधर, शिवगंगा सहित भीड़ वाले अन्य स्थानों पर एनडीआरएफ की टीम मोरचा संभाले हुए है. झारखंड पुलिस के साथ ही अर्द्ध सैनिक बलों के जवान, रैफ आदि की टीमें भी पूरा मेला क्षेत्र में चौकस है.
कालसर्प दोष से मुक्ति का सर्वोत्तम दिन
सावन मास सोमवारी और नाग पंचमी एक साथ पड़ना एक सुखद संयोग माना जा रहा है. भगवान शंकर के प्रिय नाग देवता है, इसलिए इस तिथि की विशेष मान्यता भी है. मान्यता है कि श्रावण मास में ही समुंद्र मंथन के दौरान जो विष निकला था, उसे भगवान शंकर ने ग्रहण किया और इसी दिन सांप का अभिर्भाव हुआ था. इसदिन पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंग पर दूध अर्पण करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है साथ ही काल सर्प योग का भी शमन हो जाता है. यही कारण है की आज देवघर के बाबा मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है.
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