Deoghar : दीपावली व सूर्य ग्रहण को लेकर लोगों के मन में तरह-तरह की धारणाएं हैं. दीपावली के दिन धन की देवी लक्ष्मी की पूजा होती है. दीपावली की शुरुआत धनतेरस के दिन से ही हो जाती है. धनतेरस को धन त्रियोदशी भी कहते हैं. इस दिन धातु से बने सामानों की खरीदारी शुभ माना जाता है. बाबा मंदिर के पुरोहित प्रमोद श्रृंगारी ने बताया कि इस वर्ष धनतेरस तिथि-नक्षत्र की दृष्टि से प्रदोषकाल में है. इस वजह से शुभदायक है. वस्तुओं की ख़रीदारी शाम के वक़्त करने से शुभ रहेगा. प्रदोषकाल होने के कारण ऋण से मुक्ति मिलेगी. इसी दिन भगवान धनवंतरी जयंती भी मनाई जाती है. धनवंतरी की पूजा करने से श्रद्धालु को आरोग्य की प्राप्ति होती है.
24 अक्टूबर को दीपावली
दीपावली अमावस्या की रात स्वाति नक्षत्र में मनाया जाएगा. सूर्य और चंद्रमा की प्रवेश से समय शुभदायक रहेगा. दीपोत्सव का समय सायं 5 बजे के बाद है.
25 को सूर्य ग्रहण
25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण शाम 4 बजकर 46 मिनट से 5 बजकर 8 मिनट यानी 22 मिनट तक लगेगा. सूर्य ग्रहण का सूतक बारह घंटे पहले लग जाता है. इस दौरान अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए. बालक, वृद्ध और मरीज को ग्रहणकाल और सूतक का दोष नहीं लगता. ग्रहण के दौरान मंत्रोच्चारण करते रहना चाहिए. धार्मिक पुस्तक भी पढ़ना चाहिए. ग्रहण के दौरान बाबा मंदिर का पट बंद रहेगा.
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