झारखंड, बिहार व पश्चिम बंगाल के मरीजों को मिलेगी सुविधा
Deoghar : एम्स देवघर में भरती मरीज का 13 जुलाई को नी रिप्लेसमेंट सर्जरी यानी घुटने का प्रत्यारोपण सफलता पूर्वक किया गया. एम्स देवघर के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर सौरभ वार्ष्णेय ने बताया कि टोटल नी रिप्लेसमेंट एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें घुटने के क्षतिग्रस्त हिस्से को हटा दिया जाता है. सर्जन में क्षतिग्रस्त घुटने को कृत्रिम घुटने के जोड़ से बदल देते हैं. घुटने का प्रत्यारोपण एक जटिल शल्यक्रिया है, जिसकी सुविधा सीमित संस्थानों में ही उपलब्ध है पर अब एम्स देवघर के अस्थि रोग विभाग में घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी की शुरुआत हो गई है. इसका लाभ ना केवल संस्थान परगना बल्कि पूरे झारखंड और निकटवर्ती प्रदेश जैसे बिहार, बंगाल के मरीजों को भी प्राप्त होगा. एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर सौरभ वार्ष्णेय ने इसके लिए ऑपरेशन करने वाली टीम को बधाई दी है. ऑपरेशन करने वाली टीम का नेतृत्व अस्थि रोग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ मनीष राज ने किया. उन्होंने बताया कि मरीज का घुटना ऑस्टियोआर्थराइटिस नाम के बीमारी के कारण खराब हो गया था. इस बीमारी में घुटने की गतिशीलता कम हो जाती है और रोजमर्रा के काम काज को करने में परेशनी होती है. कई बार घुटना इतना खराब हो जाता है कि व्यक्ति का चलना भी मुश्किल हो जाता है. ऐसे में नी रिप्लेसमेंट सर्जरी या घुटने का प्रत्यारोपण एक बहुत अच्छा विकल्प है. ऑपरेशन करने वाली टीम में अस्थि रोग विभाग के डॉक्टर मनीष राज, डॉक्टर अमन, डॉ राहुल कुमार पांडे व एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्टर हबीब व डॉक्टर संजय उपस्थित थे. इस अवसर पर एम्स देवघर के अस्थि रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विशाल कुमार ने ऑपरेशन करने वाली टीम को बधाई दी.
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