Ranchi : झारखंड में अनुसूचित जनजाति को रोजगार के साधन देने के लिए सरकार पशुधन योजना चलाती है. इस योजना के तहत रांची जिले में 2021-22 के लिए 2170 लाभुकों तक योजना का लाभ पहुंचाना है, पर इसके लिए विभाग को लाभुक ही नहीं मिल रहे. विभाग के पास इस योजना के लिए लगभग 1800 आवेदन आये तो हैं, पर इनमें से कई लोगों के पास उचित कागजात नहीं है. इस कारण कई आवेदन रिजेक्ट कर दिये गये हैं. आवासीय और जाति प्रमाण पत्र के कारण कई आवेदक योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं. विभाग ने योजना का लाभ देने के लिए इच्छुक लाभुकों से सामने आने की अपील की है.
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स्व-रोजगार से आत्मनिर्भर बनाने और दूध, मांस, अंडा का उत्पादन कर आय वृद्धि का लक्ष्य
मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत सरकार लोगों को बकरी, मुर्गा, सूअर, बत्तख आदि देती है, ताकि लोग स्व-रोजगार से जुड़ आत्मनिर्भर बन सके. और लोगों का सर्वांगीण विकास हो. इसके साथ ही इस योजना के माध्यम से सरकार राज्य में दूध, मांस और अंडा का उत्पादन कर आय वृद्धि करने का भी लक्ष्य रखती है. वर्ष 2021-22 के लिए रांची जिले में 2170 का लक्ष्य रखा गया है. इसमें 610 लाभुकों को बकरा, 120 को बैकयार्ड कुक्कुट, 240 बॉयलर कुक्कुट, 960 बतख और 240 लाभुकों को सूअर दिए जाने है. प्रत्येक योजना में हर लाभुक को 5 बकरे, 420 लेयर पक्षी, 15 बत्तख, 525 बॉयलर कुक्कुट और 5 सूअर दिए जाते हैं.
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क्या है योजना के लिए पात्रता
- योजना के लिए गांव का चयन कलस्टर के हिसाब से किया जाता है.
- गांव में लाभुक का चयन ग्राम सभा करती है.
- लाभुक स्थानीय निवासी होना चाहिए. इसके लिए उन्हें आवासीय प्रमाण पत्र और जाति प्रमाण पत्र देना अनिवार्य है.
- पशुपालक या किसान को ही योजना का लाभ दिया जा सकता है.
- आवेदक के पास योजना के लिए पर्याप्त जगह, पानी आदि की व्यवस्था होनी चाहिए.
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