Ranchi : इस बार मॉनसून की अच्छी बारिश होने के बावजूद राज्य में खेती की रफ्तार पिछले साल की तुलना में काफी धीमी है. पिछले साल कम बारिश होने के बावजूद राज्य में 9 जुलाई तक 15 फीसदी से अधिक धान की रोपाई हो चुकी थी, लेकिन इस बार यह सिर्फ 9 फीसदी है. पिछले वर्ष इस अवधि तक राज्य में 2.76 लाख हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती हो चुकी थी, जबकि इस साल इसी अवधि में 162. 54 लाख हेक्टेयर भूमि पर धान का रोपा हो सका है. हालांकि धान की खेती के लिए अभी पर्याप्त समय है. मौसम वैज्ञानिकों ने मानसून की स्थिति में सुधार होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है.
इसे भी पढ़ें – कोडरमा : वृंदाहा वाटरफॉल में डूबे दोनों युवकों के शव बरामद, सेल्फी लेने के दौरान फिसले थे पानी में
जुलाई में अबतक मॉनसून कमजोर रहा है
राज्य में इस जुलाई में अबतक मॉनसून कमजोर रहा है. कम बारिश हुई है. राज्य में एक से 10 जुलाई तक करीब 100.0 मिलीमीटर औसत बारिश होती है, लेकिन इस दौरान इससे काफी कम 74.2 मिमी बारिश हुई है. हालांकि गत जून में अधिक बारिश होने से खेतों में पर्याप्त पानी है. खासकर इससे निचले स्तर के खेतों में रोपाई का काम तेजी से हो रहा है.
मौसम विभाग के अनुसार राज्य में पिछले वर्ष 10 जुलाई तक 288.1 मिमी बारिश हुई थी. यह औसत बारिश 299.2 मिमी से केवल दो फीसदी कम थी. इस मॉनसून के सीजन में यह 15 फीसदी अधिक है. यहां अबतक 342.8 मिमी बारिश हुई है. राज्य में सामान्य तौर पर 15 अगस्त तक खेती होती है. इस जुलाई में मॉनसून की सक्रियता में कमी से राज्य में कम बारिश वाले जिलों की संख्या बढ़ रही है. गुमला, पश्चिम सिंहभूम और चतरा में बारिश की कमी का प्रतिशत बढ़ रहा है. गुमला में बारिश की कमी 25 फीसदी तक हो गई है, जबकि सरायकेला खरसावां और पश्चिमी सिंहभूम में 18 प्रतिशत बारिश में कमी दर्ज की गयी है.
इसे भी पढ़ें – CISF के जवान पर छात्रा से छेड़खानी का आरोप, ग्रामीणों ने बनाया बंधक
13 जून से मॉनसून फिर जोर पकड़ सकता है
मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद के अनुसार मॉनसून अभी तक सामान्य है. आने वाले समय में इसमें सुधार होने की पूरी गुंजाइश है. 13 जून से मॉनसून फिर जोर पकड़ सकता है. बंगाल की खाड़ी के मध्य हिस्से में एक निम्न दबाव बन रहा है, जिससे मानसून की सक्रियता की बढ़ सकती है. खेती के लिए अभी पर्याप्त समय है.