Ranchi: राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा है कि शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार प्राप्त करना नहीं, बल्कि नेतृत्व क्षमता का भी विकास करना है शिक्षा से ही विकास और सशक्तीकरण संभव है. शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार प्राप्त करना नहीं, बल्कि नैतिकता, सहानुभूति और नेतृत्व क्षमता का विकास करना भी है. शिक्षा और ज्ञान से समाज में सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में सार्थक कार्य होंगे. राज्यपाल मंगलवार को सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्र में स्थापित सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय से हमारी काफी अपेक्षाएं हैं. यह केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं, बल्कि हमारे जनजातीय समाज की संस्कृति, इतिहास और परंपराओं का प्रतीक है.
राज्यपाल ने विद्यार्थियों से कहा कि आपसे यह अपेक्षा की जाती है कि अपने अध्ययन और शोध से उन चुनौतियों का समाधान ढूंढेंगे, जिनका सामना जनजाति समाज और ग्रामीण समुदाय कर रहे हैं. चाहे वह कृषि हो, पर्यावरण संरक्षण हो, स्वास्थ्य या शिक्षा, हर क्षेत्र में आपके प्रयासों की आवश्यकता है. जनजातीय समाज की संस्कृति और परंपराओं को ध्यान में रखते हुए, इस विश्वविद्यालय का कार्यक्षेत्र और भी व्यापक हो जाता है. आपकी मेहनत और समर्पण से न केवल आपके लिए, बल्कि आपके समाज और राज्य के लिए भी नए रास्ते खुलेंगे.
सिदो कान्हू का बलिदान को सदैव याद रखा जाएगा
सिदो कान्हू का मातृभूमि के लिए संघर्ष और बलिदान सदैव याद रखा जाएगा. उनकी वीर गाथाएँ न केवल झारखंड, बल्कि पूरे देश को प्रेरित करती हैं. ”संथाल विद्रोह ने न केवल जनजाति समाज के अधिकारों के लिए संघर्ष की मिसाल कायम की, बल्कि पूरे देश में स्वतंत्रता के प्रति जनमानस में जागरूकता और संघर्ष की भावना को भी प्रेरित किया. उनके साहस से हमें यह सीख मिलती है कि अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना और अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना मानवता की सबसे बड़ी जिम्मेदारियों में से एक है.
सिदो-कान्हू ने जनजातीय समाज को एकजुट किया
सिदो-कान्हु के संघर्षों ने जनजातीय समाज को एकजुट किया. उनके बलिदान की गाथा यह संदेश देता है कि कोई भी लड़ाई असंभव नहीं होती, यदि उसमें धैर्य, साहस और सामूहिकता का बल हो. आज, इस विश्वविद्यालय के विद्यार्थी के रूप में, आप सभी के कंधों पर अपने समाज, अपनी संस्कृति और अपने राज्य के विकास में योगदान देने की एक अहम जिम्मेदारी है. आपका दायित्व है कि आप उनके संघर्षों से प्रेरित होकर अपने समाज की उन्नति के लिए कार्य करें. उनके आदर्शों को आगे बढ़ाएँ, जिनके लिए सिदो-कान्हु जैसे वीर सपूतों ने अपना जीवन समर्पित किया.
विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में युवाओं की भूमिका अहम
विकसित भारत@2047’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में विश्वविद्यालय और युवाओं की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. सभी द्वारा अर्जित शिक्षा और कौशल केवल आपकी व्यक्तिगत प्रगति के लिए नहीं, बल्कि देश की समृद्धि और विकास के लिए भी आवश्यक हैं. आपका योगदान हमारे समाज को सशक्त बनाने और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण में एक महत्वपूर्ण कड़ी है. जब आप अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए करेंगे, तब ही हम अपने देश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा सकेंगे.
ज्ञान और कौशल का उपयोग राष्ट्रहित में करें
राज्यपाल ने विद्यार्थियों से कहा कि अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग समाज और राष्ट्र के व्यापक हित में करें. आपके सामने यह जिम्मेदारी है कि आप विज्ञान, प्रौद्योगिकी, सामाजिक न्याय और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नए कीर्तिमान स्थापित करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत रहें. आपकी सोच और नवाचार से ही हमारे देश को विकास के नए आयामों तक पहुंचाया जा सकेगा. आपका प्रयास न केवल व्यक्तिगत सफलता के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारे समाज के उत्थान में भी सहायक होगा. अपने ज्ञान, कौशल और मेहनत से आप न केवल अपने जीवन को सफल बना सकते हैं, बल्कि समाज और देश की उन्नति में भी महत्वपूर्ण योगदान कर सकते हैं.
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