Ranchi/Deoghar: राज्य में 15वें वित्त आयोग की पहली किस्त सभी पंचायती राज संस्थाओं को दी जा चुकी है. इसे किस तरह खर्च किया जाना है, इसे लेकर विभागीय सचिव और निदेशक के स्तर पर भी निर्देश दिया जा चुका है. लेकिन ऐसे कई बीडीओ हैं, जिन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं है कि उन्हें ग्रामीण विकास विभाग की तरफ से क्या निर्देश दिया गया है.
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बीडीओ पर सिर्फ मॉनिटरिंग का जिम्मा
कुछ बीडीओ काम के बाद राशि भुगतान में अड़ंगा लगाने की कोशिश कर रहे हैं. जबकि सचिव और विभाग के निदेशक ने साफतौर से निर्देश दिया है कि “प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) को ग्राम पंचायतों में योजना के क्रियान्वयन के क्रम में मात्र अनियमितता को रोकने और मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी गयी है. ग्राम पंचायतों की योजनाओं की प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने और नियम के मुताबिक, व्यय पर रोक लगाने का अधिकार किसी बीडीओ को नहीं है.” लेकिन इस आदेश को देवघर जिला के देवीपुर प्रखंड के बीडीओ नहीं मान रहे हैं. उन्होंने प्रखंड में 15वें वित्त आयोग की राशि के लिए अपना ही नियम बना रखा है.
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व्हाट्सएप ग्रुप पर जारी किया आदेश, नहीं होगा पेमेंट
देवीपुर के बीडीओ अभय झा ने एक आदेश पारित किया है. उन्होंने सचिव और निदेशक के निर्देश के उलट 15वें वित्त आयोग के किसी भी तरह के पेमेंट के लिए अपना आदेश जारी किया है. प्रखंड के पंचायती राज कर्मियों के व्हाट्सएप ग्रुप में अभय झा ने कहा है कि “सभी पंचायत सचिव एवं ऑपरेटर को मैं पुनः निर्देशित कर रहा हूं कि वर्क ऑर्डर आने पर किसी भी प्रकार का भुगतान पंचायत समन्वयक पंकज कुमार द्वारा स्थलीय निरीक्षण और समर्पित प्रतिवेदन पर पारित आदेश के पश्चात ही होगा.
सिर्फ वर्क ऑर्डर अपलोड करने मात्र से पेमेंट की अनुमति नहीं मिल सकती.” जबकि 15वें वित्त आयोग की तरफ से भुगतान के लिए बीडीओ किसी तरह का कोई आदेश पारित नहीं कर सकता, इसका उल्लेख सचिव और निदेशक दोनों की चिट्ठी में है.
गाइडलाइन के मुताबिक ही हो रहा है कामः अभय झा (बीडीओ, देवीपुर)
सरकार की तरफ से जबतक सॉफ्टबीट, नाडेप, वाटर हार्वेस्टिंग अभियान चलाया जा रहा है. उसमें जबतक हम लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर लेंगे. यहां सिर्फ जलमीनार नहीं लगाने दिया जायेगा. सरकार का जो लक्ष्य है, जो अभियान है, वह मेरी प्राथमिकता है. सरकार का आदेश कुछ है और यहां के लोग काम कुछ और कर रहे हैं.
14वें वित्त आयोग के पैसे से ही जलमीनार लगा दिया है और भुगतान आज मांग रहे हैं. ऐसा तो हम चलने नहीं देंगे. जो नियम कहता है, जो गाइडलाइन है, वही होगा.
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