Saraikela / Kharsawan : कुचाई में विधिवत रुप से मां दुर्गा की पूजा शुरू हो गयी है. विभिन्न मंदिरों के पास स्थित बेल के पेड़ के नीचे वेल्याधिवास कर मां दुर्गा का आवाहन किया जा रहा है. मंगलवार को सप्तमी पूजा का आयोजन किया जायेगा. सोमवार को देर शाम कुचाई के दुर्गा मंदिर में सोमवार को नवरात्रि के छठे दिन पष्ठी पूजा कर माता का बेलवरण किया गया. इस दौरान पास की सोना नदी से कलश यात्रा निकाली गयी. बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करते हुए कलश यात्रा निकाली. कलश यात्रा में महिला व पुरुष शामिल थे. कलश यात्रा में शामिल सभी श्रद्धालु पीले रंग का वस्त्र धारण किए हुए थे. कलश यात्रा के आगे पारंपरिक ढाक बाजा बजाया जा रहा था. श्रद्धालुओं ने कलश लेकर मंदिर पहुंचने के बाद अभिषेक किया. यहां दुर्गा पूजा को नव रात्र उत्सव के रुप में मनाया जाता है. यहां नौ दिनों तक माता भागवती के अलग-अलग स्वरुपों की पूजा अर्चना की जाती है.
कुचाई में माता भगवती की पूजा अर्चना पहली बार 1976 में शुरू हुई थी. स्थानीय लोग बताते हैं कि 1976 में दुर्गा पूजा शुरू करने के कुछ ही वर्ष बाद यहां लोगों के सहयोग से मंदिर बना दिया गया. मंदिर बनने के साथ ही ओड़िशा के खिचींग से माता भगवती की संगमरमर की मूर्ति लाकर स्थापना की गयी. मां दुर्गा की स्थापित इस प्रतिमा पर प्रतिदिन पूजा होती है. पूजा में मुख्य रुप से पूजा समिति के अध्यक्ष डुमु गोप, सचिव राजकिशोर दास, सत्येंद्र कुम्हार, सुरेंद्र गोस्वामी, महेश्वर महतो, लखन तांती, हरिपद मुंडा, लक्ष्मण महतो, मुन्ना दास, राकेश महतो, सत्येंद्र मुंडा, रामकृष्ण भोल, प्रेम प्रकाश सिंह, मदन मुंडा, राजकिशोर दास, लाबुराम सोय, मधु सुदन दास, अनूप अग्रवाल, संजु अग्रवाल, प्रमोद राउत, जयदीश दास, दुष्चंत महतो आदि उपस्थित थे.
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