Saraikela : दहकते शोलों पर चलने के बाद भी न तो पैरों में छाले पड़ते हैं और न ही पांव जलते हैं, भक्त खुशी-खुशी नाचते हुए अंगारों पर चल कर अपने आराध्य के प्रति भक्ति दिखाते हैं. इस दौरान वे उफ्फ तक नहीं करते हैं. जलते शोलों पर नंगे पांव चलने के लिए श्रद्धालुओं की कतार लगी रहती है. महिलाएं व पुरूष अलग-अलग कतार में लग कर नंगे पांव चलते हैं. जी हां, सरायकेला प्रखंड अंतर्गत ऊकरी गांव में दशहरे के दूसरे दिन शनिवार को मां दुर्गा के भक्तों ने जलते अंगारों पर नंगे पांव चलकर अपनी हठभक्ति दिखाई. नवरात्र पर दशमी के दूसरे दिन गांव में यह परंपरा कई वर्षों से चलती आ रही है जो आज तक जारी है. इससे पहले माता की पूजा के लिए महिलाओं द्वारा कलश यात्रा निकाली गयी. महिलाओं ने स्थानीय सोना नदी से कलश यात्रा निकाली. महिलाओं ने कलश लाने के पश्चात पूजा स्थल पर घट को स्थापित किया एवं उसके बाद पूजा अर्चना शुरू हुई. पूजा-अर्चना के पश्चात भोक्ता बने भक्तों ने दहकते शोलों पर नंगे पांव चल कर अपने आराध्य के प्रति भक्ति दर्शायी. कोरोना संकट के कारण इस वर्षाे सरकारी गाइडलाइन का पालन करते हुए पूजा अर्चना की गई.