Ranchi : आजादी के 75 साल के मौके पर भारतीय जन नाट्य संघ ( इप्टा ) की पहल पर राष्ट्रीय सांस्कृतिक यात्रा निकाली जा रही है. इसका नाम ‘ ढाई आखर प्रेम का’ है. यह यात्रा 13 अप्रैल को गढ़वा के रास्ते झारखंड सीमा में प्रवेश करेगी. मेदिनीनगर होते हुए 14 अप्रैल को रांची पहुंचेगी. रांची में सिदो- कान्हू, नीलांबर- पीतांबर और महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद मोरहाबादी स्थित डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान में शाम छह बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा. इस आयोजन में कफील जाफरी राष्ट्रीय एकता विषय पर किस्सागोई करेंगे. इसके अलावा छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय लोकनाट्य ‘ नाचा ‘ का आयोजन होगा. इसकी जानकारी देने के लिए सीपीआई के प्रदेश कार्यालय में इप्टा के द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. जिसमें श्यामल मलिक प्रदेश अध्यक्ष इप्टा, कलाम रसीदी, श्यामल चक्रवर्ती, सुमेधा मलिक और अजय सिंह शामिल हुए.
रामगढ़, हजारीबाग और कोडरमा होते हुए बिहार में प्रवेश करेगी यात्रा
रांची के आयोजन के बाद यह यात्रा जमशेदपुर, घाटशिला, चाईबासा, रामगढ़, हजारीबाग और कोडरमा होते हुए बिहार में प्रवेश करेगी. यात्रा को प्रलेस, जलेस, जसम, जनम, इस्कफ, दलित लेखक संघ और विभिन्न जनवादी संगठनों ने अपना समर्थन दिया है. इस यात्रा में देश के सुविख्यात कलाकार, बुद्धिजीवी तथा संस्कृतिकर्मी शामिल होंगे. यह सांस्कृतिक यात्रा असल में स्वाधीनता संग्राम के गर्भ से निकले समता, न्याय और बंधुत्व के उन मूल्यों की तलाश की कोशिश है, जो आज नफरत, वर्चस्व और दंभ के घोष में डूब -सा गया है. यह यात्रा उन तमाम शहीदों, समाज सुधारकों एवं भक्ति आंदोलन ओर सूफीवाद के पुरोधाओं का वर्तमान दौर में स्मरण कराने की है, जिन्होंने भाषा, जाति, लिंग और धार्मिक पहचान से अलग मुनष्यता की मुक्ति एवं लोग प्रेम को अपना एकमात्र आदर्श घोषित किया.
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