Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) भगवान बिरसा मुंडा की जयंती व झारखंड राज्य के 22 वें स्थापना दिवस पर मंगलवार 15 नवंबर को जिला प्रशासन की ओर से शहर के टाउन हॉल में समारोह आयोजित किया गया. समारोह में 160 करोड़ रुपये की योजनाओं की स्वीकृति मिलने का एलान किया गया. इसके अलावा 300 लोगों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण किया गया.
60 लाभुकों को ग्रीन राशन कार्ड, 10 लाभुकों को धोती साड़ी, 50 लाभुकों को सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, दो लोगों को व्हीलचेयर, पांच – 5 की गोद भराई व अन्नप्राशन, 7 लाभुकों के बीच सीएमईजीपी का प्रमाण पत्र व परिसंपत्ति का वितरण, तीन लोगों के बीच गाय, दो के बीच कुक्कुट, 50 को मनरेगा के तहत जॉब कार्ड सहित पेंशन, छात्रवृत्ति आदि का लाभ दिया गया. सांसद पीएन सिंह व डीसी संदीप सिंह ने संयुक्त रूप से जिले वासियों को स्थापना दिवस की बधाई दी. डीसी ने कहा कि सरकार आपके द्वार में छूट गए लोगों के बीच टोकन के आधार पर परिसंपत्ति का वितरण किया गया है. डीसी ने कहा कि 160 करोड़ की राशि का वितरण एक लाख 70 हजार 515 लोगों के बीच वितरण किया जाना है, जिसमें आज 300 लोगों को लाभ दिया गया. समारोह में डीडीसी शशि प्रकाश सिंह, जिप अध्यक्ष शारदा सिंह, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष ब्रजेंद्र सिंह सहित प्रायः सभी आला अधिकारी मौजूद थे.
इन योजनाओं का मिला लाभ
झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी(जेएसएलपीएस) द्वारा चार-चार महिला समूह को चक्रीय निधि एवं सीआईएफ व कैश क्रेडिट लिमिट, 10 लाभुकों को फूलों जानो आशीर्वाद योजना, 2 – 2 प्रवासी मजदूर को निबंधन प्रमाण पत्र तथा मृत्यु या दुर्घटना सहायता योजना के तहत लाभ, डीआरडीए द्वारा 15 लाभुकों को बीच बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आवास योजना, अग्रणी बैंक प्रबंधक द्वारा 10 – 10 लाभुकों को केसीसी व मुद्रा लोन, 5 लाभुकों को पीएमईजीपी तथा मत्स्य विभाग द्वारा एक-एक लाभुक को बायो फ्लॉक योजना और रीसक्युलाररी एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएएस 6 टैंक) व 7 लाभुकों को रीसक्युलाररी एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएएस 7 टैंक) योजना का लाभ दिया गया.
मंच पर जगह नहीं मिलने से जिप सदस्य नाराज
स्थापना दिवस समारोह में जहां लाभुकों के चेहरे पर खुशी दिखी, वहीं जिप सदस्यों की नाराजगी भी देखने को मिली. समारोह में कर्मियों ने जिप सदस्यों को नीचे बैठा दिया. इस बात को लेकर कर्मियों और जिप सदस्यों के बीच कहासुनी भी हुई. जिप सदस्यों का कहना था कि जब सम्मान ही नहीं देना है तो बुलाते क्यों हैं. सभी की नाराजगी देख बाद में उन्हें मंच पर बैठने का इंतजाम किया गया. उसके बाद मामला शांत हुआ.
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