Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) एक माह के भीतर केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान (सिंफर) के एक और वैज्ञानिक करोड़ों रुपये के ऑनरेरियम घोटाले की भेंट चढ़ गए हैं. इस बार संस्थान के मुख्य वैज्ञानिक डॉ आरवीके सिंह को वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद-सीएसआइआर नई दिल्ली की ओर से सेवानिवृत्ति के एक रात पूर्व चार्ज शीट भेज दिया गया है. बता दें कि डॉ सिंह 31 जनवरी 2023 को सेवानिवृत्त होने वाले थे. इसके पूर्व सोमवार 30 जनवरी की देर रात उनके गोविंदपुर स्थित आवास पर चार्जशीट का लेटर भेज दिया गया.
एक माह पूर्व इसी घोटाले में नपे थे पूर्व निदेशक
बता दें कि ठीक एक माह पहले सेवानिवृत्ति के एक दिन पूर्व संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ प्रदीप कुमार सिंह और प्रशासनिक अधिकारी दसमथ मुर्मू को इसी मामले में सस्पेंड किया जा चुका है. संस्थान में चर्चा है कि तकनीकी पेटेंट कराने के मामले को लेकर भी डॉ आरवीके सिंह विवादों में रहे हैं. फिलहाल इस विषय में सिंफर की ओर से कोई अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है.
टेस्टिंग को कंसल्टेंसी बताकर करोड़ों का वारा-न्यारा
डॉ आरवीके सिंह सिंफर के बिजनेस डेवलपमेंट एंड इंडस्ट्रियल लाइशन (पीडीआईएल) के चेयरमैन थे. इस दौरान नियमों के खिलाफ सिंफर में आने वाले टेस्टिंग को कंसल्टेंसी बता कर पैसे की उगाही का मामला भी सामने आया था. डॉ सिंह के बीडीआईएल के चैयरमैनशिप के दौरान ही 553 वैज्ञानिकों, अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच करोड़ों का ऑनरेरियम बांटा गया था. बाद में मार्च 2021 में सीएसआईआर ने इस राशि को रिकवर करने का आदेश जारी किया था.