Dhanbad : धनबाद के सिविल सर्जन डॉ. श्याम किशोर कांत ने कहा कि कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है. यदि बुखार नहीं छोड़ रहा है और काफी दिनों से है, तो तुरंत जांच कराएं. मलेरिया पर नियंत्रण के लिए लोगों को जागरूक होना होगा. विश्व मलेरिया दिवस सोमवार, 25 अप्रैल को मनाया जाएगा. इस दिन बीमारी की पहचान व रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. सिविल सर्जन शनिवार, 23 अप्रैल को अपने कार्यालय में मीडिया से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि मलेरिया साफ व ठहरे हुए पानी में पनपने वाले संक्रमित मादा एनोफिल मच्छर के काटने से फैलने वाला संकामक रोग है. समय पर जांच और इलाज नहीं होने से यह जानलेवा हो सकता है.
भारत में मलेरिया संक्रमण के 65 प्रतिशत मामले प्लाजमोडियम वाईवैक्स व 35 प्रतिशत प्लाजमोडियम फैल्सीपैरम के कारण होते हैं. छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं में मलेरिया प्रतिरोधक क्षमता काफी कम होने की वजह से उन्हें ज्यादा खतरा है. इसलिए गर्भवती महिलाओं की प्रसव से पहले प्रत्येक जांच में मलेरिया की जांच अनिवार्य की गई है.
मलेरिया के ये हैं लक्षण
ठंड के साथ बुखार आना (कंपकंपी), उल्टी होना, शरीर में ऐंठन व दर्द, सिर दर्द, चक्कर आना, थोड़ी देर में पसीने के साथ बुखार उतरना मलेरिया के लक्षण हैं. इसमें मरीज का ब्लड शुगर कम हो जाता है. सीएस ने कहा कि मलेरिया की जांच व उपचार की सुविधा प्रत्येक स्वास्थ्य केन्द्र में निःशुल्क उपलब्ध है. गम्भीर मलेरिया के रोगियों की जांच एवं पूर्ण उपचार की सुविधा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सदर अस्पताल और एसएनएमएमसीएच धनबाद में उपलब्ध है.
बीमारी से बचाव के ये हैं उपाय
अपने आसपास पानी जमा न होने दें. यदि पानी जमा है, तो उसमें कीटनाशक, जला हुआ मोबिल, किरासन तेल डालें. इससे मच्छर पैदा नहीं हो सकेंगे. पानी की टंकी को ढंक कर रखें, कूलर, फ्रिज, फुलदान व बर्तनों का पानी सप्ताह में एक दिन अवश्य सुखा लेना चाहिए. घरों में कीटनाशक दवा का छिड़काव व मच्छरदानी का प्रयोग जरूर करें.
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