Nirsa : धनबाद (Dhanbad) जिले के कुमारधुबी गाड़ीखाना में दो दिवसीय भोक्ता पूजा का समापन 28 मई को पारंपरिक उल्लस के साथ हुआ. धर्मराज मंदिर में आयोजित धर्मराज उर्फ भोक्ता पूजा उत्सव में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण शामिल हुए. मंदिर के पुजारी ने वैदिक विधि से बाबा धर्मराज की पूजा की. भक्तों ने परिवार व क्षेत्र की सुख-समृद्धि के लिए धर्मराज से आशीर्वाद मांगा. सुबह में भगवान धर्मराज को मंदिर से गाजे-बाजे के साथ गांव स्थित तालाब ले जाया गया. वहां विधि-विधान से स्नान कराने के बाद श्रद्धा के साथ वापस मंदिर लाया गया. इस दौरान मंदिर के देवासी माथे पर धर्मराज को लेकर तालाब से मंदिर पहुंचने से पहले रास्ते में कई बार वापस तालाब की ओर चल देते थे. भोक्ता उन्हें रिझाते हुए वापस मंदिर की ओर मोड़ देते थे. कई जगह महिला व पुरुष श्रद्धालु बीच रास्ते पर ही लेट गए और देवासी उनके शरीर पर चढ़कर धर्मराज को पार कराए. मान्यता है कि ऐसा करने से इच्छित मनोकामना भगवान पूरी करते हैं. पूजा के बाद भक्तों को प्रसाद स्वरूप कमल का फूल दिया गया.
गांव में 100 साल से हो रही पूजा
ग्रामीणों ने बताया कि पांडव के बड़े पुत्र युधिष्ठिर की ही पूजा धर्मराज के रूप में की जाती है. गांव में पिछले सौ वर्षों से यह पूजा हो रही है. मनोकामना पूर्ण होने पर भक्त भगवान धर्मराज को बकरे की बलि भी चढ़ाते हैं. कार्यक्रम को सफल बनाने में गाड़ीखाना के गड्डू सिन्हा, दुधेश्वर बाउरी, अमित बाउरी सहति अन्य ग्रामीणों का सहयोग रहा.
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