Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) टुंडी बिशनी पतरा निवासी दाऊद अंसारी ने टुंडी के अंचल अधिकारी एजाज अंसारी, होमगार्ड के जवान संतु लाल मंडल एवं रामनिवास पांडे के विरुद्ध गाली गलौज, मारपीट व रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया है. धनबाद के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में दायर शिकायत वाद के मुताबिक दाऊद की टुंडी मौजा में 54 डिसमिल जमीन है. भूमि माफियाओं ने जबरन सरकारी रास्ते पर अपना मकान बना लिया और सरकारी भूमि पर कब्जा कर लिया है. दाऊद का आरोप है कि सीओ की मिली भगत से उसकी रैयती जमीन पर आम रास्ता बनवा दिया गया.
आरोप है कि उसके आवेदन पर जमीन की मापी कराई गई. मापी में जमीन उसकी निकली. वह अपनी जमीन पर चहारदीवारी का निर्माण करने लगा तो 22 दिसंबर 22 को साढे चार बजे शाम सभी आरोपी आए व गाली गलौज करते हुए निर्माण कार्य रुकवा दिया. धमकी देते हुए दो लाख रुपए की मांग की और कहा कि अगर रूपया नहीं देगा तो बर्बाद कर देंगे. दाऊद ने आरोप लगाया है कि सीओ ने उसका कॉलर पकड़ लिया और मारपीट की. उसके साथ आए होम गार्ड के दोनों जवानों ने भी मारपीट की और चहारदीवारी तोड़ दी. दाउद ने आरोप लगाया है कि रामनिवास पांडे ने उसके पॉकेट से 25 सौ रुपए छीन लिये. शिकायतकर्ता की ओर से अधिवक्ता मनीष गोस्वामी ने पैरवी की.
ऑटो चोरी में बचाव पक्ष को बहस का आदेश
धनबाद : जज उत्तम आनंद की हत्या में इस्तेमाल किए गए ऑटो की चोरी के मुकदमे की सुनवाई शुक्रवार 23 दिसंबर को सीबीआई के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक श्रीवास्तव की अदालत में हुई. बचाव पक्ष ने बहस की.अदालत ने बचाव पक्ष को बहस पूरी करने का आदेश देते हुए 4 जनवरी 23 की तारीख तय की है.
जज उत्तम आनंद की मौत 28 जुलाई 21 की सुबह तब हुई, जब वह घर से सुबह की सैर पर निकले थे. रणधीर वर्मा चौक पर एक ऑटो ने धक्का मार दिया. अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था. ऐसा प्रतीत हुआ कि जज को जानबूझकर धक्का मारा गया. इस घटना पर सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया. राज्य सरकार की अनुशंसा पर मामले की जांच की जिम्मेवारी सीबीआइ को सौंपी गई. 4 अगस्त 21 को सीबीआइ को जांच सौंपने के बाद 20 अक्टूबर को सीबीआई ने दोनों के विरुद्ध हत्या का आरोप लगाते हुए चार्जशीट दायर कर दिया था. हत्या के अलावा ऑटो चोरी एवं मोबाइल चोरी की दो अलग एफआईआर भी दर्ज हुई थी. 6 अगस्त 22 को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत ने दोनों आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी.