घरेलू महिला की छवि से निकल परिपक्व नेता बनीं अनुपमा
Dhanbad : धनबाद लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा सिंह पिछले दो दिनों से पूरे चुनावी रंग में दिख रही हैं. धुआंधार जनसंपर्क कर रही हैं. टिकट मिलने में तीन सप्ताह की देरी से चुनाव मैदान में उतरीं कांग्रेस प्रत्याशी उसे पाटने में लगी हैं .अनुपमा के नाम की घोषणा के बाद से उनके पति सह बेरमो विधायक अनूप सिंह हर जगह साथ ही नजर आ रहे थे, लेकिन पिछले दो दिनों से चुनावी रणनीति के तहत दोनों ने क्षेत्र बांट कर फील्डिंग शुरू कर दी है. इससे कम समय में ज्यादा लोगों तक पहुंचना संभव होगा. बुधवार को अनुपमा सिंह ने बोकारो में 13 जगहों पर जनसंपर्क किया. वहीं अनूप सिंह ने धनबाद में यूथ कांग्रेस की बैठक में शामिल होने के बाद छह जगहों पर जनसंपर्क किया. गुरुवार को भी अनुपमा सिंह ने सिंदरी और निरसा विधानसभा में नौ स्थानों पर जनसंपर्क किया. वहीं विधायक अनूप सिंह बोकारो में जमे रहे और पांच स्थानों पर जनसंपर्क किया.
घर से निकल कर सीधे चुनावी मैदान में
अनुपमा सिंह को विरासत में मिली राजनीति ने अलग ही पहचान दी है. उनके ससुर स्व. राजेंद्र प्रसाद सिंह बेरमो विधानसभा से ही चुनाव लड़े. अनुपमा के पति ने भी बेरमो को ही अपनी कर्मभूमि बनाई. इन दोनों से अलग अनुपमा सिंह घर से निकल कर सीधे धनबाद लोकसभा चुनाव मैदान में कूद पड़ी हैं. पहले तो लोगों ने उन्हें एक घरेलू महिला ही समझा, लेकिन जिस तेजी से उनका जनसंपर्क अभियान चल रहा है, वह उन्हें एक परिपक्व नेता की श्रेणी में लाकर खड़ी करने के लिए काफी है. इस दौरान वह मंझे हुए खिलाड़ी की तरह अपना वक्तव्य दे रही हैं.
ब्राह्मण और भूमिहारों को साधने में पिछड़ रहे अनूप
बेरमो विधायक अनूप सिंह को एक तरफ राजपूतों का समर्थन मिल रहा है. वहीं दूसरी तरफ वह ब्राह्मण और भूमिहारों को साधने में चूक रहे हैं. अनुपमा सिंह के टिकट की घोषणा के बाद से अब तक वह कांग्रेस के नाराज नेताओं से मिलने नहीं गए. धनबाद में राजपूत और भूमिहार की कभी नहीं बनी. इसलिए राजपूत प्रत्याशी को भूमिहारों की उपेक्षा का शिकार होना पड़ सकता है. जानकारी के मुताबिक अब तक अनूप सिंह ब्राह्मण और भूमिहार के किसी बड़े नेता से मुलाकात नहीं की है.
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