Dhanbad: नीरज हत्याकांड मामले में धनबाद जेल में बंद झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह को जेल आईजी के निर्देश पर रविवार को धनबाद से दुमका जेल भेजा गया. इसी मामले में झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए, जिला एवं सत्र न्यायधीश रवि रंजन की अदालत ने मंडल कारा अधीक्षक को शोकॉज जारी किया है. इधर संजीव सिंह के समर्थकों का आरोप है कि किसी के इशारे पर जेल शिफ्टिंग कर प्रशासन प्रताड़ित कर रहा है.
कोर्ट ने जेल अधीक्षक से पूछा-
अदालत ने जेल अधीक्षक से पूछा है कि, बिना कोर्ट की अनुमति के कैसे विचाराधीन कैदी को दूसरे जेल में भेजा गया. साथ ही यह भी पूछा गया है कि, क्यों नहीं आपके विरूद्ध कार्रवाई हो ? इसके पूर्व संजीव के आवेदन पर बहस करते हुए उच्च न्यायालय के अधिवक्ता बीएम त्रिपाठी, मदन मोहन दरियप्पा, मो जावेद, नूतन शर्मा ने कहा कि, जेल प्रशासन ने राजनीतिक दबाव में कारा अधिनियम की धारा 29 एवं संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन एवं वैयक्तिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन किया है. बता दें कि नीरज हत्याकांड में बंदी झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह को जेल आईजी के निर्देश पर रविवार को धनबाद से दुमका जेल भेजा गया था.
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क्या कहता है कायदा कानून ?
किसी विचाराधीन कैदी को बिना अदालत की अनुमति के जेल प्रशासन ने दूसरे जेल में भेजा है. जो न्यायिक व्यवस्था पर एक कुठाराघात और न्यायालय की अवमानना है. अभी संजीव के दुमका से धनबाद लाने की याचिका पर लोक अभियोजक बी डी पांडे ने प्रतिउत्तर के लिए समय देने की प्रार्थना की है. वहीं गवाह आदित्य राज और एक्लव्य सिंह को गवाही के लिए अदालत ने 25 फरवरी की तारीख निर्धारित कर दी है.
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