Dhanbad : धनबाद जिले में जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों से लाभुकों को मिलने वाले अनाज की कटौती कर दी गई है. गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करने वाले लोगों को पिछले पांच माह से सिर्फ चावल मिल रहा. कुछ स्थानों पर पिछले दो माह से गेहूं मिलना शुरू तो हुआ है, लेकिन आवश्यकता से काफी कम. इसे लेकर आये दिन पीडीएस दुकानदारों और लाभुकों में तीखी नोंक-झोंक भी देखने को मिलती है. कई दुकानदारों पर अनाज की कालाबाजारी का भी आरोप लग रहा है. बावजूद इसके जिला खाद्य आपूर्ति विभाग के पदाधिकारी कह रहे हैं कि सबकुछ ठीक है, कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है.
बीपीएल परिवारों ने बताया अपना दर्द
धनबाद के चिरागोड़ा निवासी दिहाड़ी मजदूरी मदन प्रसाद ने बताया कि किसी तरह परिवार चला रहा हूं, सरकारी अनाज मिलने से बड़ी राहत थी, लेकिन पिछले तीन-चार माह सिर्फ चावल मिला. दो माह से चावल के साथ गेहूं सिर्फ तीन किलो मिल रहा है. पहले हर महीने 10 किलो गेहूं मिलता था. पूरा राशन नहीं मिलने से परेशानी होती हैण् बस्ताकोला के संजय कुमार ने बताया कि दुकानदार बोलता है कि अलग-अलग देशों में आई आपदा के कारण केंद्र सरकार गेंहू बाहर भेज दे रही है, जिससे सरकारी दुकानों में गेंहू की कमी हो गई है. जामाडोबा निवासी रंजीत कुमार ने बताया कि पीडीएस दुकानदार अनाज की कालाबाजारी कर रहे हैं. इसमें थाना पुलिस की भी मिलीभगत है.
4:1 के अनुपात में दिया जा रहा राशन : आपूर्ति पदाधिकारी
जिला आपूर्ति पदाधिकारी योगेंद्र प्रसाद ने बताया कि अनाज में कहीं कोई कटौती नहीं हुई है. पहले 3:2 के अनुपात में प्रत्येक लाभुक को अनाज दिया जाता था, अभी 4:1 के अनुपात में वितरण हो रहा है. गेहूं कम आ रहा है, इसलिये अभी प्रत्येक व्यक्ति को 1 किलो गेंहू और 4 किलो चावल प्रतिमाह दिया जा रहा है. नई फसल आने के बाद गेहूं पहले की तरह दिया जाएगा. रही बात कालाबाजारी की तो, शिकायत मिलने पर विभाग संबंधित दुकानदार पर तुरंत कार्रवाई करता है. लोगों को भी जागरूक होंने की जरूरत है. अनाज वितरण में गड़बड़ी होने पर अंचल कार्यालय, थाना या आपूर्ति विभाग में शिकायत करें, तुरंत कार्रवाई होगी.
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